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कोरिया जिले के मझगवां गौठान में गोबर पेंट यूनिट संचालित…..

कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के गौठान मझगवां गांव में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना के तहत विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. इन्हीं में से एक है गाय के गोबर से प्राकृतिक रंग का निर्माण। यहां प्रगति स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पेंट निर्माण के काम से जुड़ी हैं। यह प्राकृतिक रंग महिलाओं के जीवन में खुशियों के रंग भर रहा है। फरवरी माह से यहां गाय के गोबर से प्राकृतिक रंग बनाने की इकाई संचालित हो रही है और मात्र 4 माह में ही उन्होंने 2350 लीटर पेंट का उत्पादन कर लिया है, जिसमें से लगभग 4 लाख 60 हजार रुपये की आय उन्होंने बेचकर की है. 2200 लीटर पेंट। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय कार्यालयों एवं विद्यालयों में रंग रोगन के लिये इसका प्रयोग किया जा रहा है।

सफल उद्यमी के रूप में उभरीं महिलाएं, प्रतिदिन करीब 200 लीटर पेंट का उत्पादन, गौठान व सी मार्ट के माध्यम से की जा रही बिक्री
समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुमन रजवाड़े का कहना है कि गोबर पेंट यूनिट के माध्यम से समूह की महिलाओं को स्वरोजगार का एक नया आयाम मिला है, जिससे वे अपना और अपने परिवार का आर्थिक सहयोग कर रही हैं. पहले गौठानों में महिलाओं द्वारा गोबर से वर्मीकम्पोस्ट बनाया जा रहा था, इसके साथ ही आज हम जैसी घरेलू महिलाएं रीपा के तहत गाय के गोबर से पेंट बनाकर सफल उद्यमी के रूप में उभरी हैं. वर्तमान में समूह की महिलाएं बाजार की मांग के अनुसार प्रतिदिन लगभग 200 लीटर पेंट तैयार कर रही हैं। निर्मित पेंट को गौठान व सी मार्ट के माध्यम से नैचुरल पेंट के ब्रांड नाम से बाजार में बेचा जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर का बाजार उपलब्ध कराने के लिए उत्पादन को “खादी इंडिया” से जोड़ा गया है ताकि उत्पाद की बाजार में उपलब्धता बड़े पैमाने पर बनी रहे। आने वाले समय में यह कार्य कोरिया जिले के लिए एक नई पहचान बनेगा।

इस तरह गाय के गोबर से प्राकृतिक रंग बनाया जाता है
समूह की कुछ महिलाओं को राजस्थान के जयपुर में गाय के गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है, यहां उन्हें निर्माण की विधिवत जानकारी दी गई। गाय के गोबर से पेंट बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले गाय के गोबर और पानी को मिला लें। इसे मशीन में डालकर अच्छी तरह मिलाया जाता है और फिर अघुलनशील पदार्थ को हटाने के लिए एक महीन जाली से छान लिया जाता है। फिर इसे कुछ केमिकल्स का इस्तेमाल कर ब्लीच किया जाता है और भाप की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। इसके बाद सीएमएस नामक पदार्थ प्राप्त होता है। इसे डिस्टेंपर और इमल्शन के रूप में उत्पाद बनाया जा रहा है। रीपा गौठान मझगवां में स्थापित पेंट यूनिट से आवश्यक मात्रा में विभिन्न पेंट उत्पाद लिए जा सकते हैं। इसकी औसत दैनिक उत्पादन क्षमता लगभग 500 लीटर है।

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