भारत दौरे पर पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी से हुई व्यापार और विश्वास पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वैंस से बातचीत की। यह मुलाकात उस वक्त हुई जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बातचीत में भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक रिश्तों को और आगे बढ़ाने के साथ-साथ वॉशिंगटन की व्यापार नीति को लेकर भारत की चिंता पर भी चर्चा हुई। इस साल फरवरी में वॉशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद यह तय हुआ था कि दोनों देश 2025 के अंत तक अपने पहले द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देंगे। बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी, वैंस, उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए डिनर का आयोजन करेंगे। वैंस और उनका परिवार सोमवार सुबह दिल्ली पहुंचे। वो चार दिन के भारत दौरे पर आए हैं, इससे पहले वो वीकेंड में इटली की यात्रा कर चुके हैं। वैंस पिछले 12 सालों में भारत आने वाले पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले जो बाइडेन साल 2013 में उपराष्ट्रपति रहते हुए भारत आए थे। वैंस की ये पहली भारत यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 60 देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) पर भारी-भरकम टैरिफ लागू करने का ऐलान किया था, जिसे बाद में रोक भी दिया गया।
अब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है, जिसमें टैरिफ और बाजार तक पहुंच जैसे मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। वैंस और उनका परिवार अपने भारत दौरे के दौरान जयपुर और आगरा भी जाएंगे। पिछले महीने अमेरिका के असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेज़ेंटेटिव ब्रेंडन लिंच भारत आए थे और यहां भारतीय अधिकारियों के साथ इस व्यापार समझौते को लेकर बैठकें की थीं। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका भी बढ़ गई है। ट्रंप द्वारा इन टैरिफ का ऐलान करने के कुछ ही दिन बाद उन्होंने 90 दिन के लिए इसे रोक दिया, लेकिन ये रोक सिर्फ चीन को छोड़कर बाकी देशों पर लागू की गई है। इसके साथ ही अमेरिका भारत से ज्यादा अमेरिकी तेल, गैस और रक्षा उपकरण खरीदने की मांग कर रहा है ताकि दोनों देशों के बीच करीब 45 अरब डॉलर का व्यापार घाटा कम हो सके, जो फिलहाल भारत के पक्ष में है। साल 2023 के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा। दोनों देशों के बीच सामान और सेवाओं का कुल व्यापार 190 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका भारत में विदेशी निवेश (FDI) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत रहा, जिससे भारत को 4.99 अरब डॉलर का निवेश मिला।