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AI को लेकर वैश्विक स्तर पर अहम भूमिका निभाने को तैयार है भारत: उपभोक्ता मामलों की सचिव

भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ग्लोबल स्टैंडर्ड तय करने में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है। ये बात उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कही। खरे ने बताया कि सरकार AI टेक्नोलॉजी को जिम्मेदारी से आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनका कहना था कि इसे इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि इसमें न सिर्फ दुनिया भर के देशों के साथ मिलकर काम हो, बल्कि देश की अपनी ज़रूरतों और प्राथमिकताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाए। ये बातें उन्होंने हाल ही में हुई ISO और IEC की 15वीं प्लेनरी मीटिंग में कहीं, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर AI के मानक तय करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने होस्ट किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की AI नीति को ऐसे अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ा जाना चाहिए जो सबको साथ लेकर चलें, ज़मीनी हकीकत को समझते हों और देश की जरूरतों के मुताबिक आसानी से ढल सकें।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव एस कृष्णन ने इस मौके पर भारत की AI के क्षेत्र में की जा रही कोशिशों और दुनियाभर के अहम साझेदारों के साथ भारत की मजबूत भागीदारी की बात दोहराई। उन्होंने बताया कि भारत Global Partnership on AI (GPAI) का संस्थापक सदस्य होने के नाते इस दिशा में लगातार गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, “भारत चाहता है कि AI को सिर्फ कुछ देशों या कंपनियों तक सीमित न रखा जाए। हम इसे सभी के लिए आसान और उपलब्ध बनाना चाहते हैं। इसके लिए AI से जुड़े मानक तय करना बेहद ज़रूरी है ताकि हम वक्त से आगे चल सकें।” वहीं BIS के डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि AI के लिए अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से खास टीम बनाई गई हैं जो तय करेंगी कि किस क्षेत्र में किस तरह के AI मानक बनने चाहिएं। इसके अलावा मंत्रालयों, यूनिवर्सिटी, रेगुलेटरी बॉडीज़ और उपभोक्ता संगठनों के साथ भी साझेदारी को और मज़बूत किया गया है ताकि AI को लेकर भारत की भूमिका और साफ, और मज़बूत हो सके।

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