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दोस्ती और सुरक्षा में मजबूती के लिए भारत-श्रीलंका ने किया रक्षा समझौता

भारत-श्रीलंका के रिश्तों में नया मोड़, पहली बार रक्षा समझौता हुआ, पीएम मोदी ने साझा सुरक्षा को बताया ज़रूरी

शनिवार को भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार एक बड़ा और अहम रक्षा समझौता हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मज़बूत करने की बात कही और साफ तौर पर कहा कि भारत और श्रीलंका की सुरक्षा आपस में जुड़ी हुई है और एक-दूसरे पर निर्भर करती है।

ये रक्षा समझौता दोनों देशों के बीच हुए सात बड़े समझौतों में से एक है, जो पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके के बीच हुई विस्तृत बातचीत के बाद किए गए। इसे रणनीतिक रिश्तों को मज़बूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। बता दें कि ये समझौता उस वक़्त हुआ है जब लगभग 40 साल पहले भारत ने शांति सेना के रूप में श्रीलंका में दखल दिया था।

पीएम मोदी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम मानते हैं कि भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित एक जैसे हैं। दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी है और एक-दूसरे पर निर्भर करती है।” उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के हितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है।

राष्ट्रपति डिसानायके ने भी भरोसा दिलाया कि श्रीलंका की ज़मीन का इस्तेमाल कभी भी भारत के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि जब-जब श्रीलंका को भारत की ज़रूरत पड़ी, तब-तब भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया, और ये साथ उन्हें बहुत कीमती लगता है।

एक और अहम समझौता त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब के तौर पर विकसित करने को लेकर हुआ है। इसके साथ ही पीएम मोदी और राष्ट्रपति डिसानायके ने मिलकर संपूर सोलर पावर प्रोजेक्ट का वर्चुअल उद्घाटन भी किया।

पीएम मोदी ने कहा, “संपूर सोलर पावर प्लांट श्रीलंका की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। त्रिंकोमाली में ऊर्जा हब और मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन के लिए जो समझौते हुए हैं, उनका फायदा श्रीलंका की जनता को सीधे मिलेगा।”

भारत-श्रीलंका के बीच जो ग्रिड इंटर-कनेक्टिविटी समझौता हुआ है, उससे श्रीलंका के पास अब बिजली निर्यात करने के नए विकल्प खुलेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ (Neighbourhood First) नीति और ‘विजन महासागर’ (Vision MAHASAGAR) में एक खास जगह रखता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति डिसानायके के भारत दौरे के बाद बीते चार महीनों में दोनों देशों के बीच सहयोग तेज़ी से बढ़ा है।

मोदी और डिसानायके के बीच ये बातचीत उस दिन हुई जब पीएम मोदी बांग्कॉक दौरे के बाद श्रीलंका पहुंचे। बांग्लादेश खाड़ी सहयोग संगठन (BIMSTEC) की बैठक में हिस्सा लेने के बाद पीएम मोदी ने श्रीलंका की राजधानी में कदम रखा।

बातचीत से पहले प्रधानमंत्री मोदी को कोलंबो के ऐतिहासिक इंडिपेंडेंस स्क्वायर में भव्य स्वागत दिया गया। ये वही जगह है जहां श्रीलंका का राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है और जहां स्वतंत्रता स्मारक हॉल मौजूद है। इसी जगह श्रीलंका की आज़ादी (1948) की याद में ये सम्मान पहली बार किसी विदेशी नेता को दिया गया।

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