छत्तीसगढ़

भारत का सबसे रोमांचक रेलवे सफर, समंदर के बीच से निकलती है ट्रेन, 147 पिलर पर टिका 2.2 किमी. लंबा पुल

भारतीय रेलवे अपने विशाल नेटवर्क और उससे जुड़ी कई खासियतों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. आपको जानकार हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा रेलवे ट्रैक है जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक और रोमांचक रूट कहा जाता है. यह ट्रैक भारत के बिल्कुल अंतिम छोर यानी तमिलनाडु में स्थित है. रामेश्वरम-पमबन रेलवे ब्रिज पर ट्रेन समंदर के बीच से होकर गुजरती है.

आप जब भी रेल में सफर करते हैं तो आपको ज्यादातर समय दूर-दूर तक खेत और खाली जमीन नजर आती है. लेकिन सोचिये जब आपको दूर-दूर तक चारों ओर सिर्फ पानी नजर आए. तमिलनाडु में रामेश्वरम-पमबन रेलवे ब्रिज ऐसा ही अनुभव देता है.

आप जब भी रेल में सफर करते हैं तो आपको ज्यादातर समय दूर-दूर तक खेत और खाली जमीन नजर आती है. लेकिन सोचिये जब आपको दूर-दूर तक चारों ओर सिर्फ पानी नजर आए. तमिलनाडु में रामेश्वरम-पमबन रेलवे ब्रिज ऐसा ही अनुभव देता है.

रामेश्वरम पमबन रेलवे ब्रिज अपनी खूबसूरती के साथ-साथ दुनियाभर के कुछ खतरनाक रेलवे ट्रैक में से एक माना जाता है. क्योंकि यहां कई बार समुद्र में उठने वाली लहरें सीधे ट्रेन से टकराती हैं.

ग्रेट पम्बन ब्रिज दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह पुल प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्रियों को ले जाता है. समुद्रों के बीच बना यह रेलवे ब्रिज वर्षों पुराना इंजीनियरिंग का चमत्कार है. यह ब्रिज बीच में से खुल जाता है और क्रूजर और जहाजों को गुजरने की सुविधा देता है

तीर्थ स्थल रामेश्वरम को समुद्र के रास्ते देश से जोड़ने वाले इस शानदार और खूबसूरत ब्रिज को रेलवे ने अब रिटायर करने का फ़ैसला कर लिया है. पमबन ब्रिज के ठीक बग़ल में एक नया पमबन ब्रिज बन कर लगभग तैयार है. दक्षिण रेलवे के अनुसार, यह ब्रिज मार्च 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा.

नया पमबन ब्रिज बिल्कुल पुराने पुल के पास बनाया जा रहा है. नया पुल 2.05 किलोमीटर लम्बा होगा. ये देश का पहला वर्टिकल लिफ़्ट ब्रिज है. इसमें बीच का 72.5 मीटर का हिस्सा (स्पैन) अपने दोनों तरफ़ लगी लिफ़्टों के माध्यम से ऊपर की ओर इतना उठ जाएगा कि उसके नीचे से समुद्री जहाज गुज़र सकेंगे. यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा.

पुराने पमबन ब्रिज का ये स्पेशल स्पैन बीच से दो हिस्सों में फ़्लैप की तरह दो हिस्सों में खुल जाता है. इस काम के लिए इसके दोनों तरफ़ 16-16 व्यक्तियों को खड़े हो कर हाथों से स्ट्रिंग रोलिंग मशीन चलानी पड़ती थी लेकिन अब यह ऑटोमैटिक लिफ्ट मशीन से खुल जाएगा.

पुराना ब्रिज सिंगल लाइन का है जबकि नए पम्बन ब्रिज में डबल रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है. पुराने ब्रिज में 147 पिलर हैं जबकि नया ब्रिज 101 पिलर्स पर बनाया गया है. 1964 में साइक्लोन के कारण पमबन ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था. हालांकि, मरम्मत के बाद इसे फिर से शुरू किया गया लेकिन इस पर ट्रेन की रफ्तार को कम कर दिया गया. अब नये पुल पर ट्रेन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ सकेगी

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