Rahul Gandhi: छत्तीसगढ़ की मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा- मेरा घर, राहुल का घर, बैनर लेकर दरवाजे पर खड़ी हुईं
मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि राहुल जी का वर्चस्व राष्ट्रव्याप्त है। उनसे नफरत करने वाली विचारधारा के लोगों से बड़ा हिस्सा, उनके चाहने वालों का है। ऐसे में यह अभियान और बड़ा स्वरूप लेता जाएगा। आने वाले चुनावों में देश के प्रधानमंत्री को इसका हिसाब देना होगा।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद उनको बंगला खाली करने के मिले नोटिस को लेकर कैंपेन शुरू हो गई है। इसमें छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया है। वह डौंडी लोहारा स्थित अपने निज निवास के बाहर बैनर लेकर खड़ी हो गईं। इसमें लिखा है, मेरा घर, राहुल का घर। राहुल गांधी को नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने नेता के लिए यह अनोखा कदम उठाया है। मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि, राहुल गांधी का मनोबल गिरने नहीं देंगे।
आए और हमारे घर में रहे राहुल जी
डौंडी लोहार से कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया ने कहा कि, राहुल गांधी ने नोटिस मिलने के बाद डिप्टी सेक्रेटरी को पत्र लिखकर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा है कि, इस सरकारी आवास से उनकी काफी यादें जुड़ी हुई हैं, जिसे अब मैं खाली कर दूंगा। मंत्री भेड़िया ने कहा कि, राहुल गांधी दिल्ली में 11 तुगलक लेन के घर में रहते थे। उसे मोदी सरकार और लोकसभा अध्यक्ष ने खाली करने का आदेश दिया है। इसे लेकर आज हम सब ने यह मन बनाया कि हमारा घर, राहुल गांधी जी का भी घर है। वो आए और हमारे घर में रहें।
गिरने नहीं देंगे उनका मनोबल
मंत्री अनिला भेड़िया ने तस्वीरों को लेकर कहा कि राहुल गांधी जन जन की बात उठा रहे हैं ऐसे में हम राहुल जी को कहीं से कमजोर नहीं होने देंगे। उनके मनोबल को हम कहीं से गिरने नहीं देंगे। यह घर हम राहुल गांधी को समर्पित कर रहे हैं और हमारे नेता के लिए सर्वस्व न्यौछावर है। वो देश के लिए लड़ रहे हैं। हमारा सौभाग्य होगा अगर वो हमारे घर में आकर रहेंगे। मंत्री अनिला भेड़िया की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है।
बढ़ेगा अभियान
मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि राहुल जी का वर्चस्व राष्ट्रव्याप्त है। उनसे नफरत करने वाली विचारधारा के लोगों से बड़ा हिस्सा, उनके चाहने वालों का है। ऐसे में यह अभियान और बड़ा स्वरूप लेता जाएगा। आने वाले चुनावों में देश के प्रधानमंत्री को इसका हिसाब देना होगा। राहुल जी ने संसद में मोदी जी को गले लगाया था। यह निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा है, लेकिन इसके बदले मोदी ने अपने स्वभाव के हिसाब से प्रेम के बदले नफरत का रास्ता अपनाया है।