व्यापार
Trending

रुपया कमजोर, डॉलर मजबूत: जानिए क्यों गिरी भारतीय मुद्रा और क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी

बाजार में उथल-पुथल: रुपया गिरा, निवेशकों में घबराहट!

भारतीय बाजारों में इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। रुपये की कमज़ोरी, बढ़ते तेल के दाम और आरबीआई की नीति के फैसले सब पर छाए हुए हैं। आइए, विस्तार से समझते हैं:

रुपया फिर फिसला: डॉलर के आगे कमज़ोर

मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे गिरकर 85.49 पर आ गया। डॉलर का मज़बूत होना, तेल के बढ़ते दाम और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपये पर दबाव बढ़ा है। इससे घरेलू बाजार में भी थोड़ी चिंता है।

आरबीआई की नीति: बाजार में बेचैनी

6 जून को आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति बताएगा, जिससे पहले से ही बाजार में उतार-चढ़ाव है। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 36 अंक और निफ्टी 43 अंक गिर गया। निवेशक आरबीआई के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं।

डॉलर और कच्चे तेल: बढ़ती कीमतों का असर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से रुपये पर और दबाव पड़ रहा है। तेल के दाम बढ़ने से आयात महँगा होगा, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली: बाजार में सुस्ती

सोमवार को विदेशी निवेशकों ने लगभग ₹2,589 करोड़ निकाले। इससे शेयर बाजार और रुपये दोनों पर असर पड़ा है। निवेशकों का भरोसा कम होना चिंता का विषय है।

मैन्युफैक्चरिंग में सुस्ती: चिंता बढ़ी

एचएसबीसी इंडिया के मुताबिक, मई में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.6 पर आ गया, जो फरवरी के बाद सबसे कम है। बढ़ती महंगाई और कमजोर मांग से कारोबार की रफ्तार धीमी हुई है।

कुछ अच्छी खबरें भी: जीडीपी और GST कलेक्शन में बढ़ोतरी

जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.4% रही, जो अनुमान से बेहतर है। मई में GST कलेक्शन ₹2.01 लाख करोड़ रहा, जो अप्रैल के बाद दूसरा मजबूत महीना है। ये आंकड़े कुछ राहत देते हैं।

Related Articles

Back to top button