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गौतम और सागर अडानी को शिकायत भेजने के प्रयास जारी: SEC का अदालत में बयान

अडानी : अमेरिकी SEC ने अदालत को बताया – गौतम और सागर अडानी को नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी, भारतीय अधिकारियों से भी मांगी मदद अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने एक संघीय न्यायाधीश को जानकारी दी है कि गौतम अडानी और सागर अडानी को कथित रिश्वतखोरी मामले में शिकायत भेजने की प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस प्रक्रिया में भारतीय अधिकारियों से भी मदद मांगी गई है। SEC ने न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज निकोलस गरौफिस को मंगलवार को एक अपडेट सौंपा, जिसमें उसने बताया कि गौतम अडानी और सागर अडानी भारत में स्थित हैं, और उन्हें नोटिस भेजने के लिए हैग सर्विस कन्वेंशन के तहत भारत सरकार से सहायता मांगी गई है। SEC के मुताबिक, 20 नवंबर 2024 को दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गौतम अडानी और सागर अडानी ने सितंबर 2021 में अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की एक कर्ज पेशकश (डेट ऑफरिंग) के दौरान जानबूझकर या लापरवाही से भ्रामक और गलत जानकारियां दीं, जिससे अमेरिकी फेडरल सिक्योरिटीज कानूनों का उल्लंघन हुआ।

चूंकि आरोपी विदेश में स्थित हैं, इसलिए अमेरिकी फेडरल नियम (FRCP) 4(f) के तहत सम्मन और शिकायत भेजने की प्रक्रिया तय होती है। इस नियम में कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं है, और SEC हैग सर्विस कन्वेंशन के तहत उन्हें नोटिस भेज सकती है। SEC के वकील क्रिस्टोफर कोलोराडो द्वारा अदालत में दी गई जानकारी में बताया गया कि SEC ने अडानी और उनके वकीलों से संपर्क किया है और उन्हें मुकदमे की सूचना (नोटिस ऑफ लॉसूट) और सम्मन की सेवा छोड़ने (वाइवर ऑफ सर्विस) का अनुरोध भेजा गया है। इसके अलावा, भारत के कानून और न्याय मंत्रालय से भी सहयोग मांगा गया है, जो भारत में हैग सर्विस कन्वेंशन के तहत नोटिस भेजने का अधिकृत निकाय है।

SEC ने कहा, “इस प्रक्रिया पर काम जारी है, और हम FRCP 4(f) के तहत तय नियमों के अनुसार, भारत में अडानी को नोटिस भेजने की कोशिश जारी रखेंगे और अदालत को अपनी प्रगति की जानकारी देते रहेंगे।”

क्या है मामला? पिछले साल नवंबर में, SEC ने गौतम अडानी, सागर अडानी और अज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सायरिल कबानेस के खिलाफ बड़े रिश्वतखोरी घोटाले से जुड़े आरोप लगाए थे। इसके साथ ही, अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस (ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क) ने भी गौतम अडानी, सागर अडानी और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए थे। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, अडानी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (करीब 2,000 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, ताकि उन्हें सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लाभकारी अनुबंध मिल सकें।

अडानी ग्रुप ने आरोपों को किया खारिज अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और उन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और SEC द्वारा अडानी ग्रीन एनर्जी के निदेशकों पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और उन्हें सिरे से नकारा जाता है।” प्रवक्ता ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में कहा गया है, “अभियोग में लगाए गए आरोप केवल आरोप हैं, और जब तक आरोप सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक आरोपी निर्दोष माने जाएंगे।” अडानी ग्रुप ने कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी कंपनी ने कहा कि वह कानूनी रूप से हर संभव कदम उठाएगी। प्रवक्ता ने कहा, “अडानी ग्रुप हमेशा उच्चतम स्तर की पारदर्शिता, नियमों के अनुपालन और ईमानदारी को प्राथमिकता देता है। हम अपने सभी हितधारकों, साझेदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम सभी कानूनों का पूरी तरह से पालन करने वाली कंपनी हैं।”

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