भारत में स्टेनलेस स्टील की डिमांड में जबरदस्त उछाल: अगले तीन सालों में हर साल 8% तक बढ़ेगा उपयोग

स्टेनलेस स्टील: भारत की विकास गाथा
भारत में स्टेनलेस स्टील की मांग आसमान छू रही है! यह अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टेनलेस स्टील बाजार बन गया है। आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
रॉकेट की तरह बढ़ रही है मांग
2025 में, भारत में स्टेनलेस स्टील की खपत 4.8 मिलियन टन तक पहुँच गई, जो पिछले साल से 8% ज़्यादा है! यह विकास दर वाकई कमाल की है।
भविष्य और भी उज्जवल
आने वाले 2-3 सालों में, इस मांग में हर साल 7-8% की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। भारत की तेज आर्थिक तरक्की इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण है।
अभी भी बहुत संभावनाएँ
दुनिया में प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील की खपत औसतन 6 किलो है, लेकिन भारत में यह सिर्फ़ 3.4 किलो है। इसका मतलब है कि भविष्य में और भी ज़्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश है।
इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान
रेलवे, हवाई अड्डे, और हाईवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में स्टेनलेस स्टील की ज़रूरत बहुत ज़्यादा है। सरकार के बड़े निवेश से इस क्षेत्र को और बल मिल रहा है।
सरकार का बड़ा निवेश
सरकार ने अपने खर्च में बढ़ोतरी की है, जिससे निर्माण कार्यों को बढ़ावा मिला है और स्टेनलेस स्टील की मांग भी बढ़ी है।
निर्माण क्षेत्र में तेज़ी
भारत का निर्माण क्षेत्र 2027 तक 1.42 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है। इसमें स्टेनलेस स्टील की अहम भूमिका होगी।
नए क्षेत्रों में उपयोग
ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए क्षेत्रों में भी स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल बढ़ेगा क्योंकि यह मज़बूत और टिकाऊ है।
दुनिया में भारत का मुकाम
भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टेनलेस स्टील उपभोक्ता है, जो देश की तरक्की को दिखाता है।