राज्य की नई पीढ़ी लोक पारम्परिक खेल-कूद को जानने लगे- अध्यक्ष श्री ऋषि कुमार शर्मा…..
कवर्धा के आउटडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ की राजकीय गीत और बारदी हाईस्कूल की छात्रों द्वारा प्रस्तुत की कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ आज एक दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेल का आगाज हुआ। पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर एवं कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष श्री ऋषि कुमार शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर छत्तीसगढ़ियां ओलम्पिक खेल का विधिवत शुभारंभ किया।
छत्तीसगढ़ियां ओलम्पिक में राज्य की लोक पारंपरिक 16 खेल को शामिल किया गया है। जिले के पंडरिया, बोड़ला, सहसपुर लोहार और कवर्धा विकासखण्ड के 384 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक 16 खेलों को महिला-पुरूष, बालक-बालिका के लिए कुल 6 केरेगरी में बांटा गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री इन्द्रजीत बर्मन, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एमके गुप्ता, कवर्धा नगर पालिका अधिकारी श्री नरेन्द्र वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। मंच संचालक श्री अवधेश श्रीवास्तव और श्रीमती मीरा देवांगन ने किया।
बतादे की प्रदेश के वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण, विधि-विधायी एवं कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने किसानों की पहली तिहारी हरेली के दिन कवर्धा के ग्राम खण्डसरा में छत्तीसगढ़ियां ओलम्पिक खेल का विधिवत शुभारंभ किया था।
जिला स्तरीय एक दिवसीय छत्तीसगढ़ियां ओलम्पिक खेल का शुभारंभ करते हुए पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की लोक-पारंपरिक खेल-कूद, तीज तिहार, और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने को काम किया है। इस पौने पांच साल में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक-रीति रिवाजों और यहां की खेल-कूद को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। यहां की संस्कृतिक और रीति-रिवाजों को सहेजने के लिए तिज-तिहार, विश्व आदिवासी दिवस सहित सभी विशेष तिहारों में शासकीय अवकाश घोषित किया है। इससे राज्य की सांस्कृतिक विरासतों को नई पहचान मिली हैं। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां स्थानीय खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए गांव से लेकर राज्य स्तर पर ओलम्पिक खेल की शुरूआत की है। उन्होने सभी प्रतिभागियों को उनकी जीत के लिए शुभकामनाएं दी है।
नगर पालिका अध्यक्ष श्री ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नेतृत्व में राज्य की संस्कृति रीति-रिवाजों और खेल-कूद को संरक्षण एंव संवर्धन की दिशा में उठाए गए कदम से अब राज्य में इनका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। अब गांव-गांव और शहर के बच्चें में हरेली तिहार और गेड़ी को जानने लगे है। यहां की स्थानीय खेल पिटठूल को खेलने लगे है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के 18 साल बाद भी हम राज्य की राजकीय गीत से वंचित थे। यहां कि राजकीय गमछा से वंचित थे। अरपा पैरी के धार महानदी के आपार को राजकीय गीत घोषित के बाद पूरे राज्य में यह गीत गुजने लगा है। सभी बड़े आयोजन छत्तीसगढ़ महतारी की स्तुति से शुभारंभ होने लगा है। यह किसी के राज्य के विकास की सूचक है। हमारा छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक रीति-रीवाजों और सांस्कृति विरासतों को सहेजते हुए आगे बढ़ रहा है।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में 16 खेलों में हुनर दिखा रहे खिलाड़ी
छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।
हर आयु वर्ग के खिलाड़ी ले रहे हिस्सा
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा वर्ग 18-40 वर्ष आयु सीमा तक और तीसरा वर्ग में 40 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी शामिल हो रहे है । इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
विजेता प्रतिभागियों को किया जा रहा सम्मानित
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर पर विजेता प्रतिभागियों से लेकर राज्य स्तर के विजेता प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही। विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर प्रथम आने वाले विजेता खिलाड़ियों को 1000 रूपए, द्वितीय स्थान आने पर 750 रूपए एवं तीसरा स्थान आने पर 500 रूपए की पुरस्कार राशि एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह जिला स्तर पर प्रथम आने वाल विजेता प्रतिभागियों को 2000 रूपए की राशि, द्वितीय आने पर 1500 रूपए और तीसरे स्थान आने पर 1000 रूपए की राशि सहित प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। संभाग स्तर पर विजेता प्रतियोगियों को प्रथम आने पर 3000 रूपए, द्वितीय आने पर 2500 रूपए एवं तीसरे स्थान पाने वाले खिलाड़ियों को 2000 रूपए एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। राज्य स्तर पर ओलंपिक के अंतिम आयोजन में प्रथम आने वाले प्रतिभागियों को 5000 रूपए, द्वितीय आने पर 4500 रूपए एवं तीसरे स्थान आने वाले खिलाड़ियों को 4000 रूपए की राशि और प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।