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जब ICICI Bank ने दिया था HDFC को साथ आने का ऑफर, दीपक पारेख ने क्यों ठुकरा दिया प्रस्ताव?

HDFC ने ठुकराया ICICI का ऑफर: एक ऐतिहासिक फैसला

यह कहानी है देश की सबसे बड़ी प्राइवेट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और ICICI बैंक के बीच एक दिलचस्प मोड़ की। आइये जानते हैं कैसे HDFC ने एक अहम ऑफर को ठुकरा दिया और एक नई इबारत लिखी।

दोस्ती और व्यापार का अनोखा संगम

HDFC के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने खुद बताया कि कैसे ICICI बैंक ने HDFC को अपने में मिलाने का प्रस्ताव रखा था। ICICI बैंक की पूर्व MD चंदा कोचर ने भावुक लहजे में कहा था, “ICICI ने HDFC को शुरू किया था, अब वापस घर लौट आओ।” लेकिन HDFC के लिए यह फैसला आसान नहीं था। अपनी अलग पहचान और ब्रांड वैल्यू को ध्यान में रखते हुए, HDFC ने इस ऑफर को विनम्रता से मना कर दिया। यह फैसला सिर्फ़ व्यापारिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी था।

RBI की भूमिका और HDFC का ऐतिहासिक विलय

2023 में HDFC और HDFC बैंक का विलय हुआ, जो RBI के मार्गदर्शन में हुआ। पारेख ने बताया कि RBI ने इस प्रक्रिया को आसान बनाया, लेकिन किसी तरह की विशेष छूट नहीं दी गई। सभी नियमों और शर्तों को पूरा करके ही यह विलय संभव हुआ। यह दिखाता है कि कैसे नियमों का पालन करते हुए भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

44 साल की विरासत: एक नया अध्याय

1 जुलाई 2023 को HDFC Ltd का HDFC बैंक में विलय हो गया। 44 साल की एक लंबी और सफल यात्रा का अंत हुआ, लेकिन एक नया अध्याय शुरू हुआ। यह विलय देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। पारेख ने इसे देशहित में उठाया गया एक ज़रूरी कदम बताया है।

मजबूत बैंक, मजबूत भारत

दीपक पारेख का मानना है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए बड़े और मज़बूत बैंकों की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भारतीय बैंकों को मर्जर और अधिग्रहण के ज़रिए ही ताकतवर बनना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए बेहद ज़रूरी है। यह एक दूरदर्शी सोच है जो देश के विकास की ओर इशारा करती है।

एक अंत, एक नई शुरुआत

HDFC Ltd का नाम अब इतिहास बन गया है, लेकिन इसका योगदान भारतीय बैंकिंग और हाउसिंग सेक्टर में हमेशा याद रखा जाएगा। यह सिर्फ एक व्यावसायिक फैसला नहीं था, बल्कि एक ऐसी सोच की जीत थी जो ब्रांड की पहचान और ग्राहकों के भरोसे पर ज़ोर देती है। यह एक कहानी है जो बताती है कि कैसे एक कंपनी अपनी पहचान को बनाए रखते हुए आगे बढ़ सकती है।

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