
भावना सिंह की मौत का रहस्य गहराया, मुख्य आरोपी के दोस्त हिरासत में
इंदौर: 28 वर्षीय भावना सिंह की मौत एक गहरी पहेली बन गई है। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और मुख्य आरोपी आशु यादव के कुछ दोस्तों को हिरासत में लिया है। एक दोस्त के मुताबिक, आशु मूल रूप से दतिया का रहने वाला है और प्रॉपर्टी का कारोबार करता था। गोली चलने के बाद उसने अपने दोस्त को फोन कर कहा था कि “भावना ने मजाक-मजाक में पिस्टल का ट्रिगर दबा दिया।”
प्रॉपर्टी डीलिंग करता था आशु, आखिरी लोकेशन बायपास पर मिली
पुलिस की जांच में सामने आया कि आशु प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का काम करता था। वह इंदौर के महालक्ष्मी नगर (आर सेक्टर) स्थित एक किराए के मकान में रहता था, जो दीपक शर्मा का है। इस मकान का किराया अनुबंध पीयूष अवस्थी (खंडवा), रोहित दयानी (ग्वालियर), कान्हा गोयल (इंदौर) और राहुल शर्मा (शिवपुरी) के नाम पर था। पुलिस ने जब मकान की तलाशी ली तो वहां से आशु के दस्तावेज और महिला के कुछ कपड़े बरामद हुए। जांच में यह भी पता चला कि आशु के साथ उसका भाई मुकुल यादव और दोस्त स्वस्ति राय (ग्वालियर) भी रहते थे। पड़ोसी प्रहलाद जायसवाल ने बताया कि आशु खुद को ऑनलाइन बिजनेस करने वाला बताता था।
ढाबे पर हुआ था झगड़ा, पुलिस को मिली पिस्टल और कारतूस
जांच के दौरान पुलिस को एक एफआईआर की कॉपी भी मिली, जो आशु ने किशनगंज थाने में दर्ज करवाई थी। पुलिस को पता चला कि हाल ही में आशु का खाना खाने के दौरान एक ढाबे पर कुछ युवकों से झगड़ा हुआ था। पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद आरोपियों के मोबाइल फोन बंद हो गए और उनकी आखिरी लोकेशन रिंग रोड पर मिली। पुलिस ने मौके से एक पिस्टल और 10 कारतूस जब्त किए हैं।
फोन चार्ज होते ही बजी घंटी, सहेली ने की भावना की पहचान
मौके से पुलिस को एक मोबाइल फोन मिला था। टीआई तारेश सोनी ने जैसे ही उसे चार्ज किया, एक लड़की का कॉल आया। उसने बताया कि यह फोन भावना का है। भावना हाल ही में इंदौर में मेकअप आर्टिस्ट का कोर्स करने आई थी। उसके माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका था। भावना ने कुछ दिनों पहले एक प्रॉपर्टी ब्रोकर से भी कमरे के लिए संपर्क किया था। हत्या की खबर सुनकर उसकी सहेली तुरंत इंदौर के लिए रवाना हो गई। पुलिस ने भावना के आधार कार्ड पर दर्ज पते की जांच के लिए मुरार थाने की टीम को भेजा, लेकिन पता गलत निकला।
क्या सच में भावना ने ट्रिगर दबाया था?
पुलिस को घर के हॉल में चार गिलास, बीयर की कैन, एनर्जी ड्रिंक और खून से सना हुआ भावना का पर्स मिला है। पर्स में उसका आधार और पैन कार्ड भी था। इन सबूतों से शक है कि पार्टी के दौरान वहां आशु, मुकुल, स्वस्ति और भावना ही मौजूद थे। पुलिस को मौके से एक माउजर पिस्टल, शराब और बीयर की कई बोतलें भी मिली हैं। डीसीपी के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की संख्या और बढ़ सकती है।
जिस कार से अस्पताल ले जाया गया, वह किराए की थी
जिस कार में भावना को अस्पताल लाया गया, वह आशु ने एक महीने पहले जतिन जैसवार (मूसाखेड़ी निवासी) से 1200 रुपये रोजाना के किराए पर ली थी। जतिन के मुताबिक, आशु ने पहले अपना पता पिनेकल ड्रीम बताया था, लेकिन उसकी लोकेशन हमेशा महालक्ष्मी नगर ही आती थी। अब पुलिस इस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है कि क्या यह सच में हादसा था या फिर एक सोची-समझी साजिश?