
इंदौर: मेकअप आर्टिस्ट भावना सिंह हत्याकांड, आरोपी जिम ट्रेनर आशु यादव अब भी फरार
इंदौर: मेकअप आर्टिस्ट भावना सिंह उर्फ तनु की हत्या के आरोपी जिम ट्रेनर आशु यादव का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। उसके भाई मुकुल और दोस्त स्वास्ति राय भी फरार हैं। पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए लसूड़िया थाना पुलिस की एक टीम दतिया भेजी है। शनिवार को भावना के मुंह बोले भाई पंकज ठाकुर और कृष्णकांत ग्वालियर से शव लेने पहुंचे, जिसके बाद इंदौर में अंतिम संस्कार किया गया।
आरोपी आशु अवैध धंधों में शामिल था
लसूड़िया थाना प्रभारी तारेश सोनी ने बताया कि आशु यादव कई अवैध कामों में लिप्त था। जिस फ्लैट में भावना की हत्या हुई, वह पीयूष अवस्थी, रोहित दयानी, विख्यात पाठक, कान्हा गोयल और राहुल शर्मा के नाम पर किराए पर लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, आशु ऑनलाइन सट्टे के धंधे में भी शामिल था। किशनगंज थाने में उसके खिलाफ मारपीट की एफआईआर भी दर्ज है। हत्या के बाद तीनों आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए थे। उनकी आखिरी लोकेशन रिंग रोड पर ट्रेस हुई है। पुलिस को पिपल्याकुमार (निपानिया रोड) के सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं। आशु के परिचितों से पूछताछ की जा रही है। कान्हा गोयल के पिता राधेश्याम गोयल को बिचौली मर्दाना इलाके से हिरासत में लिया गया है।
हत्या के बाद आरोपी ने किया था कॉल
पूछताछ में आशु के एक परिचित ने बताया कि हत्या के बाद आशु का फोन आया था। उसने कहा था, “मजाक-मजाक में भावना को गोली चल गई।”
परिवार ने शव लेने से किया इनकार, मुंहबोले भाइयों ने निभाया फर्ज
शनिवार को पंकज ठाकुर और कृष्णकांत भावना का शव लेने पहुंचे। पंकज ने बताया कि भावना उसे राखी बांधती थी और वह उसका मुंहबोला भाई था। भावना के दादी जमुना देवी और चाचा ने शव लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पंकज को आना पड़ा।
भावना के संघर्ष की कहानी
भावना के पिता संतोष सिंह और मां की दस साल पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी थी। आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण उसने क्लाउड किचन का काम शुरू किया, लेकिन बाद में बंद कर दिया। वह ब्यूटीशियन का कोर्स करना चाहती थी, और इसी सिलसिले में इंदौर आई थी। स्वास्ति राय उसकी दोस्त थी, जिसने उसे पार्टी के लिए बुलाया था। पंकज ने बताया कि भावना ने करीब 10 साल पहले शादी की थी, लेकिन बाद में पति से अलग हो गई। हालांकि, उसने शादी किससे की थी, इसकी जानकारी नहीं थी।
जिम ट्रेनर या प्रॉपर्टी कारोबारी?
पुलिस के पास आशु यादव की पूरी जानकारी नहीं है। एफआईआर में उसे जिम ट्रेनर बताया गया है, लेकिन कई लोग उसे प्रॉपर्टी कारोबारी बताते हैं। पुलिस का मानना है कि आशु सट्टे के धंधे में शामिल था और लग्जरी लाइफस्टाइल जीता था। उसने रोजाना 1200 रुपये किराए पर कार ली थी और जिस फ्लैट में रहता था, उसका 35,000 रुपये महीना किराया देता था।
आरोपी की तलाश जारी
पुलिस आरोपी आशु, मुकुल और स्वास्ति की तलाश में जुटी है। जांच में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं, जिससे जल्द ही कोई बड़ी गिरफ्तारी हो सकती है।