बस्तर संभाग में वर्ष 2024 में मारे जा चुके हैं 43 नक्सली : सात दिन में मारे गये 20 नक्सली; अब तक 181 नक्सली गिरफ्तार, 120 ने किया आत्मसमर्पण
जगदलपुर, 4 अप्रैल 2024|। बस्तर के मनमोहक और खूबसूरत प्राकृतिक वादियों से लाल आतंक के साये को खत्म करने के लिए चलाये जा रहे अभियान में विगत सात दिन के अंदर सुरक्षा बल ने 20 नक्सलियों को मौत के घाट उतारे हैं। जिसमें 2 अप्रेल को लेंड्रा इलाके में 13 नक्सली एवं इसी इलाके में 27 मार्च को 6 नक्सलियों सहित कुल 19 नक्सली बीजापुर में और 1 नक्सली सुकमा में मारा गया है। वहीं इस वर्ष 2024 में अब तक बस्तर संभाग के सातों जिलों में अलग-अलग नक्सली मुठभेड़ों में 43 नक्सली मारे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 181 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं 120 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन दिनों नक्सलियों का टीसीओसी माह चल रहा है, जिसमें नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम ने के लिए जाने जाते थे, लेकिन ठीक इसके विपरीत अब बदली हुई सरकार और बदली हुई परिस्थितियों में पुलिस और फोर्स नक्स्लियों के घर में पहुंचकर नक्सलियों को ठिकाने लगा रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के दूसरे सबसे ताकतवर संगठन पश्चिम बस्तर डिविजन के गंगालूर एरिया कमेटी की कंपनी नंबर दो की लेंड्रा-कोरचोली क्षेत्र में उपस्थिति की सटीक सूचना के बाद सुरक्षा बल ने बड़ा अभियान चलाकर 13 नक्सली को ढेर कर दिया है। आधा दर्जन से अधिक नक्सली बुरी तरह से घायल बताए जा रहे हैं। इस बड़े नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए डेढ़ हजार से अधिक जवान पांच से अधिक सुरक्षा कैंप से एक साथ सोमवार 1 अप्रेल की शाम निकले थे। मुतवेंडी, पालनार व गंगालूर, बासागुड़ा चेरपाल से सुरक्षा बल नाइट विजन और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर अभियान को पूरा करने जंगल के भीतर 15 से 20 किमी तक की दूरी तय की। पूरी रात चलने के बाद सुबह सूरज निकले के पहले करीब तीन बजे वे गंगालूर एरिया कमेटी के गढ़ में प्रवेश कर गए और लेंड्रा-कोरचोली की पहाड़ी की चढ़ाई कर नक्सलियों के कैंप में घुसकर इस अभियान को पूरा किया।
विदित हो कि सुरक्षा बल ने बीजापुर व सुकमा जिले में नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ में पिछले तीन माह के भीतर 16 सुरक्षा कैंप पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागु, कावडग़ांव, मुतवेंडी, गुंडेम, पुतकेल, छुटवाही व सीमावर्ती सुकमा जिले में मूलेर, परिया, सालातोंग, मुकराजकोंडा, दुलेड़, टेकुलगुड़ेम, पूवर्ती व लखापाल में स्थापित कर स्वयं को नक्सलियों के आधार क्षेत्र में मजबूत किया है। इसके बाद से नक्सली यह क्षेत्र छोड़कर और अंदर सुरक्षित ठिकानों की ओर चले गए थे। लेंड्रा-कोरचोली क्षेत्र में जहां मुठभेड़ हुई है, वहां इस समय सुरक्षा बल का कोई कैंप नहीं है। जवान अंधेरे का फायदा उठाते हुए रात में ही नक्सलियों के मांद में प्रवेश कर गए और उनके घर में घुसकर सूरज निकलने के पहले ही नक्सली कैंप को चारों ओर से घेराबंदी कर सफल आपरेशन किया।
विगत दशक में सुरक्षा बल को बस्तर में नक्सलियों के विरुद्ध मिली यह बड़ी सफलता है, जिसमें 13 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। इससे पहले वर्ष 2018 में आंध्रप्रदेश के ग्रेहाउंड्स फोर्स ने बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में आठ नक्सलियों को व महाराष्ट्र की सी-60 बल ने 2021 में गढ़चिरोली में शीर्ष नक्सली नेता दीपक तेलमुड़े सहित 26 नक्सली को ढेर किया था। नक्सलियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी को देश में नक्सलियों के दूसरे सबसे ताकतवर संगठन के नाम से जाना जाता है। कंपनी नंबर दो का कमांडर वेल्ला है, जो कई बड़े अभियान में सक्रिय रहा है। इस क्षेत्र में नक्सलियों की लड़ाकू बटालियन की भी सक्रियता होने से यहां नक्सलियों का सूचना तंत्र भी मजबूत है, जिससे सुरक्षा बल की प्रत्येक गतिविधि की सूचना उन तक पहुंच जाती थी। नक्सलियों के प्रभाव वाले क्षेत्र में सुरक्षा बल अब ताकतवर स्थिति में है। 27 मार्च को इसी क्षेत्र में 6 नक्सलियों को सुरक्षा बल ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।