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अध्ययन के लिए आयु की सीमा जरूरी नहीं…. 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पढ़ने के लिए आयु की सीमा नहीं होती। पढ़ना सबसे महत्वपूर्ण है। जिंदगी के इम्तिहान में यह आवश्यक है कि जो भी कार्य या दायित्व मिले उसे पूरा करें। अच्छे कार्य का अनुसरण दुनिया भी करेगी। जीवन में पांच गुरू होते हैं। माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरू के अलावा दर्पण अर्थात आइना भी हमारे गुरू की तरह होता है। दर्पण हमें वास्तविकता का आभास कराता रहता है। हमारे मन में उठ रहे सवालों के उत्तर भी देता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को निजी न्यूज चैनल के स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के सभी संभागों की प्रतिभाशाली बेटियों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने गुरू श्री गोपाल शर्मा और केमिस्ट्री शिक्षक श्री रमाकांत नागर का सम्मान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरूजन ने जीवन में दिशा दिखाई। गुरू के प्रति विद्यार्थी को सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए। गुरू पूर्णिमा के तीन दिन पूर्व आज अपने गुरूओं को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में अनेक विद्यार्थी अध्ययन के साथ किसी कार्य या रोजगार के साथ जुड़े होते हैं। पढ़ने की ललक हो तो जीवन में कोई बाधा नहीं आती। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं के अध्ययन काल का उल्लेख करते हुए कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम के दौरान होटल संचालन और स्थानीय निकाय में दायित्व मिलने के बाद भी स्नात्ताकोत्तर पाठ्यक्रम पूरा करने का कार्य उन्होंने किया है। यहीं नहीं पर्यटन निगम में अध्यक्ष होते हुए साथ-साथ शोधकार्य (पीएच. डी.) भी किया।

बड़े स्वप्न अवश्य देखें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाली विभिन्न छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर दिये। उन्होंने बताया कि वे किसी कक्षा में क्लास मॉनीटर नहीं बने लेकिन वर्ष 1982 में साइंस कॉलेज में छात्र संघ का संयुक्त सचिव बनने का अवसर अवश्य मिला। इसके पश्चात आगे की उच्च शिक्षा में भी छात्र संघ के विभिन्न पदों पर रहकर दायित्व निभाया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तरह विद्यार्थियों में जीवटता होना चाहिए। बड़े स्वप्न देखना चाहिए। सपने देखोगे तभी स्वप्न पूरे होंगे।

कार्यक्रम में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल उपस्थित थे। इस अवसर पर इंदौर के चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान प्रदान किए गए।

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