अदानी ग्रीन एनर्जी ने 1.06 अरब डॉलर के वित्तपोषण के साथ अपने पहले कंस्ट्रक्शन लोन को बदला

अदानी ग्रीन एनर्जी (AGEL) : अदानी ग्रीन एनर्जी (AGEL) ने सोमवार को घोषणा की कि उसने अपने पहले निर्माण वित्तपोषण (कंस्ट्रक्शन फैसिलिटी) को पुनर्वित्त (रीफाइनेंस) कर लिया है। इस ऋण की बकाया राशि 1.06 अरब अमेरिकी डॉलर थी, जिसे अब दीर्घकालिक वित्तपोषण (लॉन्ग-टर्म फाइनेंसिंग) से बदल दिया गया है। कंपनी के बयान के अनुसार, इस दीर्घकालिक वित्तपोषण की अवधि 19 साल रखी गई है, जिसमें पूरी तरह से परिपक्व ऋण संरचना बनाई गई है, जो परियोजना की सम्पूर्ण जीवन अवधि के अनुरूप है। AGEL ने 2021 में भारत के सबसे बड़े सोलर-विंड हाइब्रिड अक्षय ऊर्जा क्लस्टर को राजस्थान में विकसित करने के लिए 1.06 अरब डॉलर का कंस्ट्रक्शन फंड लिया था। अब इस पुनर्वित्तीयन के जरिए कंपनी ने अपनी पूंजी प्रबंधन योजना (कैपिटल मैनेजमेंट प्रोग्राम) को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
इस योजना के तहत, दीर्घकालिक वित्तीय संसाधन सुनिश्चित किए गए हैं, जो कंपनी की परियोजनाओं की नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) आवश्यकताओं के अनुसार बनाए गए हैं। इससे कंपनी को विभिन्न वित्तीय स्रोतों तक गहरी पहुंच मिलती है और लंबे समय तक बड़ी राशि की उपलब्धता बनी रहती है। यह रणनीति न केवल अदानी ग्रीन की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करती है, बल्कि इसके सतत विकास को भी सुनिश्चित करती है, जिससे निवेशकों और भागीदारों को दीर्घकालिक लाभ मिलता रहेगा। इस पुनर्वित्तीयन सौदे को तीन प्रमुख घरेलू रेटिंग एजेंसियों—ICRA, इंडिया रेटिंग्स और केयरएज रेटिंग्स—द्वारा AA+/स्थिर (Stable) की उच्च रेटिंग दी गई है। अदानी ग्रीन एनर्जी देशभर में बड़े पैमाने पर ग्रिड-कनेक्टेड सोलर, विंड, हाइब्रिड और हाइड्रो-पंप स्टोरेज अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास, स्वामित्व और संचालन करती है। फिलहाल, कंपनी के पास 12 राज्यों में फैला हुआ 12.2 गीगावॉट (GW) का नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो है, जो भारत में सबसे बड़ा है। अदानी ग्रीन ने 2030 तक 50 GW का लक्ष्य रखा है, जो भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों के अनुरूप है।