राष्ट्रीय
Trending

Air India हादसा: 190 की पहचान हुई, 159 शव परिवारों को सौंपे गए, दर्दनाक मंजर अभी है बाकी

अहमदाबाद हादसा: अपनों की तलाश में

यह लेख अहमदाबाद में हुए हादसे के बाद मृतकों की पहचान की चुनौतियों पर केंद्रित है। इसमें डीएनए जांच, शवों की स्थिति और परिजनों को शव सौंपने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया है।

पहचान की चुनौती

12 जून को हुए हादसे में सबसे बड़ी चुनौती मृतकों की पहचान करना था। कई शव बुरी तरह जल चुके थे, जिससे पहचान मुश्किल हो गई। डीएनए जांच से अब तक 190 लोगों की पहचान हुई है और 159 शव परिजनों को सौंपे गए हैं। यह एक लंबी और कठिन प्रक्रिया रही है, जहाँ हर शव की पहचान के लिए विशेषज्ञों की टीम ने कड़ी मेहनत की।

विमान में थे 242 लोग

एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 में 242 लोग सवार थे। हादसे में विमान में सवार सभी (एक को छोड़कर) और जमीन पर करीब 29 लोग मारे गए। यह एक बेहद दर्दनाक हादसा था जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। हादसे की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कितने लोग इस दुखद घटना के शिकार हुए।

159 शव सौंपे गए

अब तक 159 शवों की पहचान हो चुकी है और परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इनमें 127 भारतीय और 32 विदेशी नागरिक (27 ब्रिटिश, 4 पुर्तगाली, 1 कनाडाई) शामिल हैं। यह एक राहत की बात है कि इतने सारे शवों की पहचान हो पाई और परिजनों को उनके अपनों को अंतिम विदाई देने का मौका मिला।

डीएनए जांच जारी

190 शवों का डीएनए मिलान हो चुका है, लेकिन कुछ शव अभी भी अनपहचाने हैं। डीएनए जांच जारी है। शवों की बुरी हालत के कारण पहचान में समय लग रहा है। यह प्रक्रिया बेहद जटिल है, लेकिन अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हर शव की पहचान हो सके।

71 घायल, 3 की मौत

हादसे में 71 लोग घायल हुए, जिनमें से 7 अभी अस्पताल में हैं। इलाज के दौरान 3 लोगों की मौत हो गई। घायलों का इलाज जारी है और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

250 डीएनए सैंपल

सरकार ने 250 लोगों के डीएनए सैंपल लिए हैं, जिससे पहचान प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। डीएनए सैंपल लेने से पहचान प्रक्रिया में तेजी आई है और परिजनों को जल्द से जल्द राहत मिलने में मदद मिली है।

हादसे की पीड़ा

यह हादसा न सिर्फ परिवारों को उजाड़ गया, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। यह हादसा सुरक्षा और सतर्कता के महत्व की याद दिलाता है। यह हादसा एक कठिन अनुभव रहा है, लेकिन इससे हमें सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की सीख मिलती है।

Related Articles

Back to top button