जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट में एक वकील की ओर से फर्जी दस्तावेज जमा करने के मामले में हाईकोर्ट के जज कुलदीप माथुर को कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि आसाराम फिलहाल जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। अन्य मामलों में सजा के चलते आसाराम को जेल में रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट के वकील नीलकमल बोहरा और गोकुलेश बोहरा ने जज के सामने आसाराम बापू का पक्ष रखा. हाईकोर्ट ने आसाराम को जमानत दे दी है। मामले के मुख्य आरोपी रवि राज वागे को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
गौरतलब है कि अधिवक्ता रवि राय वागे ने आसाराम के लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। उसने सुप्रीम कोर्ट में जोधपुर सेंट्रल जेल की डिस्पेंसरी से मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया, जो फर्जी निकला। फिर 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रातानाडा थाने में अधिवक्ता रवि राय वागे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसका आरोप भी आसाराम पर लगा था। इस मामले में रवि राय को पहले ही जमानत मिल चुकी है। लेकिन इस मामले में अब आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. लेकिन आसाराम के लिए यह कोई राहत की बात नहीं है क्योंकि आसाराम कई मामलों में दोषी है। जिसके लिए आसाराम को जेल में रहना होगा।आसाराम का सच पहली बार 2008 में सामने आया था
आसाराम बापू के बारे में काला सच 2008 में तब सामने आया जब आसाराम के एक आश्रम में रह रहे गुजरात के दो नाबालिग भाइयों की अधजली लाशें एक नदी में मिलीं. हालांकि इस मामले में आसाराम तक कोई आंच नहीं आई। लेकिन इस मामले पर आसाराम ट्रस्ट के कुछ लोग अड़े हुए हैं. 2013 में यूपी की लड़कियों के परिजनों ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था। जांच में दुष्कर्म की बात सही पाए जाने पर आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कर जोधपुर कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
जोधपुर की स्पेशल कोर्ट में कई साल तक केस चलता रहा। इसी बीच 2016 में सूरत में रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उस मामले में गुजरात की एक अदालत ने इसी साल आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं, 2018 के जोधपुर रेप केस में एक अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तभी से आसाराम बापू जोधपुर जेल में बंद हैं। नवंबर 2014 में आसाराम समेत पांच लोगों के