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इंदौर नगर और जिलाध्यक्ष के लिए भाजपा का निर्णय, सुमित मिश्रा और श्रवणसिंह चावड़ा बने चुने हुए नेता

इंदौर: भाजपा ने आखिरकार नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा की, सुमित मिश्रा बने नगराध्यक्ष और श्रवणसिंह चावड़ा जिलाध्यक्ष । इंदौर लंबे समय से चल रहे इंतजार के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने इंदौर नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा कर दी। सुमित मिश्रा को नगराध्यक्ष और श्रवणसिंह चावड़ा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। श्रवणसिंह चावड़ा इससे पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। गुरुवार दोपहर को चुनाव अधिकारी रणवीरसिंह रावत (इंदौर नगर) और यशपाल सिंह सिसोदिया (इंदौर ग्रामीण) ने नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के पद पर निर्वाचन की घोषणा की। इस दौरान बताया गया कि दिसंबर के अंत में नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी की गई थी, लेकिन आम सहमति न बन पाने के कारण समझौते से रास्ता निकाला गया।

एक महीने से चल रहा था असमंजस, आखिरकार हुआ फैसला

भा.ज.पा. ने प्रदेश के अन्य शहरों के लिए अध्यक्षों के नाम तो पहले ही घोषित कर दिए थे, लेकिन इंदौर के मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। अब, इन नियुक्तियों के बाद एक महीने से चल रहा असमंजस खत्म हो गया है। विजयवर्गीय गुट ने इन नियुक्तियों के जरिए अपनी राजनीतिक ताकत फिर से दिखाई है। नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा और जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह चावड़ा दोनों ही विजयवर्गीय के करीबी माने जाते हैं। रायशुमारी के दौरान विजयवर्गीय गुट नगराध्यक्ष के लिए टीनू जैन और जिलाध्यक्ष के लिए चिंटू वर्मा के नाम पर अड़ा हुआ था।

मिश्रा और चावड़ा के नाम पर बने सहमति

विधायक रमेश मेंदोला और गोलू शुक्ला ने नगराध्यक्ष के लिए सुमित मिश्रा का नाम आगे बढ़ाया। जिलाध्यक्ष के लिए चिंटू वर्मा का नाम रिपीट होने की संभावना थी, लेकिन कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने अपने समर्थक अंतरसिंह दयाल का नाम आगे बढ़ाया, जिससे मामला और पेचिदा हो गया। यही कारण था कि न तो नगराध्यक्ष की घोषणा हो पा रही थी, न जिलाध्यक्ष की। रायशुमारी में आम सहमति न बनने के बाद भाजपा ने इंदौर को छोड़कर बाकी जगहों के अध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए थे। विजयवर्गीय ने नगराध्यक्ष के लिए टीनू जैन और जिलाध्यक्ष के लिए चिंटू वर्मा का नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन उनकी ताजपोशी नहीं हो पाई। फिर भी विजयवर्गीय का पलड़ा भारी रहा।

छह दशक बाद राजपूत समाज को मिली जिम्मेदारी

चावड़ा, जो राजपूत समाज से आते हैं, को जिलाध्यक्ष चुने जाने पर इस समाज को छह दशक बाद इस पद पर जिम्मेदारी मिली है। इससे पहले इसी समाज के सेमल्या चाउ के रामसिंह चौहान ने प्रभारी जिलाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभाई थी।

भा.ज.पा. कार्यालय पहुंचे मिश्रा और चावड़ा

नवनिर्वाचित नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा और जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह चावड़ा दोनों गुरुवार शाम को जावरा कंपाउंड स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने भाजपा के पितृ पुरुष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की।

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