
मध्य प्रदेश के गुना जिले के राघोगढ़ तहसील के पिपलिया गांव में शनिवार शाम को खेत में 9 साल के सुमित एक बोरवेल में गिर गए। भोपाल से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने रात भर बचाव अभियान चलाया और रविवार सुबह करीब 10 बजे उसे बाहर निकाला। बच्चे को गुना जिला अस्पताल के आईसीयू में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। बच्चे के माता-पिता रोने से बुरी हालत में हैं।पानी में हाथ-पैर सूज गए थे
डॉक्टरों के मुताबिक, पानी में रहने के कारण उसके हाथ-पैर सूज गए थे। उसके मुंह में भी मिट्टी मिली थी। उसे अस्पताल ले जाकर जांच की गई कि हाइपोथर्मिया के कारण उसके अंग लकवाग्रस्त तो नहीं हो गए हैं। लेकिन जांच से साफ हो गया कि बच्चे की मौत हो गई है।
रात भर 45 फीट खुदाई करने के बाद एनडीआरएफ की टीम 10 फीट की सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंची। बच्चा 39 फीट पर फंसा हुआ था और गड्ढे में पानी था। विधायक और कलेक्टर सहित कई अधिकारी रात भर मौके पर ही रहे। बच्चे में अभी तक कोई हलचल नहीं देखी जा रही है।खेलते समय बच्चा गिर गया
शनिवार शाम करीब 6.30 बजे दशरथ मीणा का नौ साल का बेटा सुमित खेलते-खेलते फूल सिंह मीणा के खेत में पहुंच गया, जहां एक बोरवेल का गड्ढा खुला था। बच्चा उस बोरवेल में गिर गया। काफी देर तक बच्चा नजर नहीं आने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और पता चला कि वह गड्ढे में गिर गया है।100 फीट गहरा बोरवेल
बचाव अभियान के लिए दो जेसीबी, स्वास्थ्य, पुलिस, एमपीईबी और जनरेटर सहित सभी आवश्यक संसाधन जुटाए गए। कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे।गुना कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि बचाव के जरिए पहले गड्ढे में बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी। बोरवेल एक साल पहले खोदा गया था। बताया जा रहा था कि यह 100 फीट गहरा है।कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि बच्चा फूल सिंह के खेत में बोरवेल में गिर गया था। प्रशासन और स्थानीय टीम बच्चे को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी। राघोगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर से घटना की जानकारी भी ली।