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सनी देओल की सफाई – फिल्म ‘जाट’ का मक़सद किसी को छोटा-बड़ा दिखाना नहीं

अभिनेता सनी देओल का कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म “जाट” को धर्म से जोड़कर देखने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि इसे बस एक फिल्म की तरह एन्जॉय करना चाहिए। सोमवार शाम दिल्ली में हुए प्रमोशनल इवेंट में सनी देओल अपने को-स्टार्स रणदीप हुड्डा और विनीत कुमार सिंह के साथ शामिल हुए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस फिल्म के ज़रिए किसी को ऊंचा दिखाने या नीचा दिखाने का कोई इरादा नहीं है। सनी देओल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब फिल्मों को लेबल करने की बात होती है तो लोग जल्दी भावुक हो जाते हैं। हमें ऐसी चीजों में नहीं पड़ना चाहिए। आख़िर में बात ये है कि हम सबको प्यार करते हैं और हमसे भी सब प्यार करते हैं। हम पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए ऐसा नहीं है कि हम किसी को ऊपर उठाने या नीचे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है।” 67 साल के सनी देओल ने कहा कि सिनेमा को एक अनुभव की तरह देखा जाना चाहिए, जिससे दर्शक थिएटर से एक अच्छा अहसास लेकर लौटें — बस, उससे ज़्यादा कुछ नहीं।

उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि लोग उन बातों से ज़्यादा प्रभावित हो जाते हैं जिन पर हम बार-बार चर्चा करते रहते हैं। और हम कई बार ऐसी चीजों को हवा देते हैं जिन्हें हमें छेड़ना ही नहीं चाहिए।” खुद को “डायरेक्टर का एक्टर” बताते हुए सनी देओल ने कहा कि वो किसी भी फिल्म में काम करते वक्त पूरी तरह निर्देशक की बात मानते हैं। उन्होंने कहा, “जब भी मैं कोई फिल्म करता हूं, मैं खुद को आगे नहीं लाता। मैं डायरेक्टर का एक्टर हूं। डायरेक्टर ही कैप्टन होता है, कहानी ही असली हीरो होती है और हमें बस उसके हिसाब से काम करना होता है। हमें ये देखना होता है कि उस किरदार में खुद को कितना ढाल सकते हैं ताकि वो असली लगे और लोग उसे सच मानें — यही मैं करता हूं।” जाट फिल्म को गोपीचंद मलीनेनी ने लिखा और डायरेक्ट किया है, और इसे People Media Factory और Mythri Movie Makers ने प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है।

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