
दिल्ली पुलिस ने एक साइबर ठग गैंग का पर्दाफाश किया है, जो खुद को CBI और ED का अधिकारी बताकर लोगों को नकली दस्तावेज़ों के ज़रिए डरा-धमकाकर पैसे वसूल रहा था। पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ़्तार किया है, ये जानकारी मंगलवार को एक अधिकारी ने दी।पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने एक 45 साल की महिला, उसकी बेटी और बुज़ुर्ग पिता को दो दिन तक लगातार वीडियो कॉल पर ‘डिजिटल बंधक’ बनाकर रखा और उन्हें एक फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में फँसाने की धमकी देकर ₹8.10 लाख ठग लिए। ये मामला तब सामने आया जब पीड़िता, जो कि लाहौरी गेट इलाके में रहती हैं और निजी कंपनी में काम करती हैं, ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज कराई। डीसीपी (नॉर्थ) राजा बंथिया ने बताया, “महिला को एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और उस पर फर्जी सिम कार्ड इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। इसके बाद महिला को लगातार ऐसे वीडियो कॉल आने लगे, जिनमें लोग खुद को ED और CBI का अधिकारी बताकर धमका रहे थे।” उन्होंने आगे बताया कि कॉल पर महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया गया और उसकी गिरफ्तारी की धमकी दी गई। डराने के लिए उसे सुप्रीम कोर्ट, ED और CBI की मोहर और लोगो लगे फर्जी कानूनी दस्तावेज भी भेजे गए।
5 से 7 मार्च तक लगातार 48 घंटे तक महिला और उसका परिवार वीडियो कॉल की निगरानी में रहा, जिसे पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ बताया है। डीसीपी ने बताया, “लगातार धमकियों और मानसिक दबाव की वजह से महिला ने ₹8.10 लाख उन खातों में ट्रांसफर कर दिए, जो ठगों ने दिए थे। बाद में जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।” महिला की शिकायत पर 24 मार्च को मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। जांच में कॉल रिकॉर्ड और पैसों की लेन-देन का डेटा खंगाला गया, जिससे पता चला कि गैंग साउथ दिल्ली से ऑपरेट कर रहा था – खासकर जामरूदपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश और ग्रेटर कैलाश से। 31 मार्च को छापेमारी के बाद तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया। इनमें राजा मंडल (27) जो पहले फूड डिलीवरी ऐप में एजेंट था, तुषार थापा (23), अंबेडकर नगर निवासी जो फर्जी अकाउंट मुहैया कराता था, और सौरभ तिवारी (23) शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि ये आरोपी फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे स्थानीय लोगों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाते थे और इसके बदले उन्हें कमीशन देते थे। ठगी के पैसे इन्हीं खातों में मंगवाए जाते थे। साथ ही फर्जी सिम कार्ड लेकर OTP और SMS एक्सेस के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। पूछताछ में सामने आया कि राजा मंडल के खाते में ठगी का पैसा आया था और ये खाता थापा और तिवारी के कहने पर खुलवाया गया था। आरोपी पैसा निकालकर खुद के नाम चेक से कैश करते और फिर ऊंचे स्तर पर बैठे लोगों को आगे भेज देते थे। पुलिस ने इनके पास से चार मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। इसके बाद पुलिस ने चाणक्यपुरी और आरके पुरम में दूसरी छापेमारी की और चौथे आरोपी अनूप कुमार तिवारी (23), जो न्यू मोती बाग का रहने वाला और कैब ड्राइवर है, को 3 अप्रैल को गिरफ़्तार किया। अनूप तिवारी ने कबूल किया कि उसके खाते में ₹18 लाख की ठगी की रकम आई थी, जिसे उसने अपने फरार साथियों को सौंप दिया। डीसीपी ने बताया कि आरके पुरम में छापेमारी के दौरान दो और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वे अपनी SUV छोड़कर भाग निकले, जिसे बाद में पुलिस ने जब्त कर लिया। “फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस की टीम बाकी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है,” अधिकारी ने कहा।