व्यापार
Trending

विदेशी शराब की भरमार पर नियंत्रण और भारतीय उत्पादों को समर्थन दे सरकार

विदेशी शराब के सस्ते आयात पर कड़ी रोक लगाए सरकार: CIABC भारतीय शराब निर्माताओं के संगठन CIABC (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहोलिक बेवरेज कंपनियों) ने शनिवार को सरकार से अपील की कि वह विदेशी शराब के सस्ते आयात (डंपिंग) पर सख्त कार्रवाई करे और घरेलू उत्पादों के लिए बेहतर बाजार पहुंच सुनिश्चित करे। CIABC ने साफ किया कि भारतीय शराब निर्माता आयात शुल्क में कटौती के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि यह कटौती चरणबद्ध तरीके से हो। हाल ही में, भारत ने 13 फरवरी को बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क घटाकर 100% कर दिया, जिसका आयात मुख्य रूप से अमेरिका से होता है।

संगठन ने एक बयान में कहा, “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह भारतीय कंपनियों की चिंताओं को दूर करे और मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) में समान अवसर सुनिश्चित करे। साथ ही, विदेशी शराब की डंपिंग को रोकने के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाए जाएं और भारतीय शराब उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक पहुंच दिलाने के प्रयास किए जाएं, जहां फिलहाल कई तरह की गैर-शुल्क बाधाएं हैं।”इसके अलावा, CIABC ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे आयातित शराब पर दी जाने वाली उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में छूट वापस लें, खासकर जब सीमा शुल्क में पहले ही कटौती हो चुकी है।

CIABC के महानिदेशक अनंत एस. अय्यर ने कहा कि सरकार को कस्टम ड्यूटी में कटौती और अन्य व्यापार समझौतों पर निर्णय लेते समय भारतीय शराब निर्माताओं के हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही सरकार से सुझाव दिया था कि शराब पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को अगले 10 वर्षों में धीरे-धीरे घटाया जाए। लेकिन इसके साथ ही, सरकार को पश्चिमी देशों में भारतीय शराब उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए और ट्रांसफर प्राइसिंग जैसी रणनीतियों के जरिए भारत में कम कीमत पर विदेशी शराब डंपिंग को रोकना चाहिए।” उन्होंने यह भी बताया कि कई विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों को गैर-शुल्कीय बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे भारतीय शराब पश्चिमी बाजारों में सही तरह से बिक नहीं पाती।

“हम चाहते हैं कि भारतीय व्हिस्की को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अन्य वैश्विक उत्पादों के बराबर मान्यता मिले।”
उन्होंने यह भी कहा कि सस्ती विदेशी शराब के आयात से घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे स्थानीय निर्माताओं के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। भारतीय शराब उद्योग का आर्थिक योगदान भी बहुत बड़ा है। यह उद्योग राज्यों के खजाने में हर साल 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान करता है, इसके अलावा केंद्रीय सरकार को कस्टम ड्यूटी और जीएसटी के रूप में भी बड़ा राजस्व मिलता है। CIABC का मानना है कि यदि सरकार सख्त नियम लागू नहीं करती, तो सस्ती विदेशी शराब का आयात भारतीय शराब उद्योग के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

Related Articles

Back to top button