जयपुर और इंदौर जैसे शहरों में आवास की मांग मजबूत बनी रहेगी; बड़े शहरों में बिक्री धीमी हो रही

घर खरीदने का चलन बदल रहा है!
भारत में घर खरीदने का चलन तेजी से बदल रहा है! ये बात रियल एस्टेट कंसल्टेंट JLL की एक नई रिपोर्ट से पता चलती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में घरों की बिक्री 2023 के मुकाबले 17% ज़्यादा हुई है! और अगले साल, यानी 2025 में, घर बनाने के कारोबार का देश की GDP में 13% योगदान होगा।
छोटे शहरों में तेज़ी
अब रियल एस्टेट में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। छोटे शहरों में घर बनाने के प्रोजेक्ट ज़्यादा शुरू हो रहे हैं। 2025 तक, जयपुर, इंदौर और कोच्चि जैसे शहरों में 40% से ज़्यादा नए घर बनेंगे। और इनमें से 30% घर ‘ग्रीन सर्टिफाइड’ होंगे, यानी पर्यावरण के अनुकूल। ये 2020 के मुकाबले दोगुना है!
नई पीढ़ी का घर खरीदने का सपना
JLL की रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक, देश में 60% नए घर खरीदने वाले मिलनियल और जेन-जेड होंगे। यानी 1990 से 2000 के दशक में पैदा हुए लोग घर खरीदने में ज़्यादा दिलचस्पी लेंगे।
शहरों में घर खरीदने वालों की संख्या बढ़ेगी
JLL की रिपोर्ट के मुताबिक, शहरों का तेज़ी से विकास और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों की पसंद को बदल रहा है। इसका असर 2025 में घर खरीदने के कारोबार पर भी दिखेगा। अगले साल, शहरों में 72% लोग अपना घर खरीदेंगे। ये 2020 के मुकाबले 11% ज़्यादा है, जब 65% शहरवासी घर के मालिक थे।
बड़े शहरों में बिक्री में गिरावट
एक तरफ छोटे शहरों में घरों की बिक्री बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ बड़े शहरों में मांग कम होने की उम्मीद है। रियल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनी Anarock का कहना है कि इस साल 7 बड़े शहरों में घरों की बिक्री 4% कम हो सकती है। ये 4.6 लाख घरों के बराबर होगा। ऐसा नए प्रोजेक्ट कम शुरू होने की वजह से हो रहा है।
बढ़ती कीमतों का असर
हालांकि, घरों की कीमतें इस साल 21% बढ़ गई हैं। ऐसा जमीन, मजदूरी और कुछ कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण हुआ है। इस वजह से, घरों की बिक्री का मूल्य 16% बढ़कर 5.68 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।
बिक्री में गिरावट का कारण क्या है?
Anarock का कहना है कि 2024 में घरों की बिक्री में गिरावट का मुख्य कारण नए प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी है। ऐसा नियमों में बदलाव और चुनावों के कारण हुआ है।
क्या आपका क्या कहना है?
आपको क्या लगता है, घर खरीदने का चलन आगे क्या होगा? क्या आप भी घर खरीदने की सोच रहे हैं?