ग्वालियर में दिनदहाड़े लूट, डीएसपी के ड्राइवर से छीने 10 हजार, पकड़ने दौड़ा तो कार पर घसीटा

ग्वालियर (Gwalior Robbery): ग्वालियर शहर के नाका चंद्रवदनी इलाके में मंगलवार सुबह करीब 10:40 बजे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम बूथ में चार लुटेरे बेधड़क घुस आए और वहां मौजूद डीएसपी मनीष यादव (एसडीओपी बेहट) के ड्राइवर नरेंद्र पलिया (प्रधान आरक्षक) से लूटपाट कर फरार हो गए। पहले एक लुटेरा एटीएम के अंदर घुसा और पीछे से नरेंद्र का पिन देख लिया। जैसे ही पिन देखा, उसने इशारा कर अपने बाकी तीन साथियों को अंदर बुला लिया। फिर सब मिलकर नरेंद्र से उसका एटीएम कार्ड और 10 हजार रुपये छीन लिए। लूट के बाद चारों जायलो कार (DL 12 CA 5606) में बैठकर भागने लगे। बोनट पर लटककर भी नहीं मानी हार नरेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। जैसे ही उन्होंने भागने की कोशिश की, नरेंद्र उनकी कार के आगे आ गया। लेकिन लुटेरों ने कार नहीं रोकी, उल्टा उसे करीब एक किलोमीटर दूर चेतकपुरी तक कार की बोनट पर लटकाकर ले गए। वहां कार की रफ्तार थोड़ी कम हुई तो नरेंद्र कूद गया। इसके बाद उन्होंने एक राहगीर से लिफ्ट लेकर फिर उनका पीछा किया। जब लुटेरे आंखों से ओझल हो गए, तो नरेंद्र ने तुरंत डीएसपी यादव को फोन कर पूरी जानकारी दी। जगह-जगह नाकेबंदी और लुटेरों का पीछा शहरभर में तुरंत नाकाबंदी कर दी गई। इसी दौरान नरेंद्र के मोबाइल पर दो मैसेज आए कि उसके एटीएम से शिंदे की छावनी के पास स्थित एचडीएफसी बैंक के बूथ से दो बार में 20 हजार रुपये निकाले गए हैं। नरेंद्र ने फिर कंट्रोल रूम को कॉल कर जानकारी दी और शिंदे की छावनी के आगे रास्तों पर भी नाकेबंदी करने को कहा। निरावली तिराहे पर पुलिस ने घेरा इस मुस्तैदी का असर हुआ और पुलिस ने पुरानी छावनी के पास निरावली तिराहे पर दो लुटेरों – अनीस खान और अल्ताफ खान को दबोच लिया। इनके दो साथी मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद जुबेर अब भी फरार हैं। पुलिस को इनसे 26 एटीएम कार्ड भी मिले हैं और पूछताछ जारी है।
दिल्ली से आए, मुंबई में चलाते हैं ओला गिरफ्तार लुटेरे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के निवासी हैं, जो फिलहाल दिल्ली के ओखला-शाहीन बाग इलाके में रह रहे हैं। इनमें से एक की दुकान है, जबकि बाकी मुंबई में ओला टैक्सी चलाते हैं। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि जिस जायलो कार से लूट की गई, वो किसकी है। संदेह है कि इन्होंने देश के और शहरों में भी इसी तरह की वारदातें की हैं। अगर थाने की मर्जी पर होता, तो लुटेरे बच निकलते इस पूरी घटना में झांसी रोड थाने की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अगर डीएसपी मनीष यादव ने खुद से तुरंत एक्शन लेकर नाकाबंदी न करवाई होती, और ड्राइवर नरेंद्र ने इतनी तेजी न दिखाई होती, तो शायद ये लुटेरे बच निकलते। थाने का स्टाफ तो विवेकानंद नीडम पुल के उद्घाटन कार्यक्रम की वजह से एफआईआर तक बाद में दर्ज करने की सोच रहा था। नाराज़ नरेंद्र खुद पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंचा। नकद इसलिए निकाले थे, क्योंकि मकान बनवा रहा हूं: नरेंद्र पलिया नरेंद्र ने बताया, “मकान बनवा रहा हूं, तो ठेकेदार को पेमेंट देने के लिए 10 हजार रुपये निकालने गया था। जैसे ही पैसे निकाले और बाहर निकल रहा था, एक लड़का पीछे खड़ा था। मुझे लगा वो भी एटीएम यूज़ करना चाहता है, पर वो तो मेरा पासवर्ड देख रहा था। फिर उसने अपने साथियों को बुला लिया और धक्का-मुक्की कर पैसे और कार्ड छीन लिए। मैंने आगे बढ़कर गाड़ी रोकने की कोशिश की, तो मुझे बोनट पर लटका लिया। मैं लगातार लोगों से मदद मांग रहा था, लेकिन कोई नहीं आया।”