
सरकारी बैंक इंडियन बैंक ने मार्च तिमाही में 32% मुनाफे की छलांग लगाई, नेट प्रॉफिट पहुंचा ₹2,956 करोड़ सरकारी स्वामित्व वाले इंडियन बैंक ने शनिवार को मार्च तिमाही (2024-25) के नतीजे जारी करते हुए बताया कि बैंक का नेट प्रॉफिट 32 फीसदी बढ़कर ₹2,956 करोड़ पहुंच गया। यह मुनाफा खराब कर्ज (बैड लोन) में गिरावट और मुख्य कमाई (कोर इनकम) में बढ़ोतरी की वजह से हुआ है। चेन्नई बेस्ड इस बैंक ने पिछले साल की इसी तिमाही में ₹2,247 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया था। इस तिमाही के दौरान बैंक की कुल कमाई बढ़कर ₹18,599 करोड़ पहुंच गई, जो पिछले साल इसी समय ₹16,887 करोड़ थी। बैंक ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी। ब्याज से होने वाली कमाई बढ़कर ₹15,856 करोड़ हो गई, जो एक साल पहले की चौथी तिमाही में ₹14,624 करोड़ थी। वहीं, नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) भी बढ़कर ₹6,389 करोड़ हो गया, जो पिछले साल इसी समय ₹6,015 करोड़ था। बैंक की एसेट क्वालिटी में भी सुधार देखने को मिला। कुल गैर-निष्पादित संपत्तियां (Gross NPAs) अब बैंक के कुल लोन का 3.09 फीसदी रह गई हैं, जो मार्च 2024 के आखिर में 3.95 फीसदी थीं।
इसी तरह, नेट एनपीए भी घटकर 0.19 फीसदी रह गया है, जो कि पहले 0.43 फीसदी था। बैंक का प्रोविजन कवरेज रेशियो (Provision Coverage Ratio) भी बढ़कर 98.10 फीसदी पहुंच गया है, जो पिछले साल 96.34 फीसदी था। वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक बैंक की कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो भी सुधरकर 17.94 फीसदी हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 16.44 फीसदी थी। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक ने कुल ₹10,918 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया, जो कि पिछले साल ₹8,063 करोड़ था यानी मुनाफे में 35 फीसदी की बढ़त हुई। बैंक की कुल आमदनी पूरे साल में बढ़कर ₹71,226 करोड़ हो गई, जो एक साल पहले ₹63,482 करोड़ थी। इस दौरान नेट इंटरेस्ट इनकम भी बढ़कर ₹25,176 करोड़ हो गया, जो पिछले साल ₹23,274 करोड़ था। वहीं नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पूरे साल के लिए 3.51 फीसदी रहा। बैंक के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹10 के फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर ₹0.1625 (यानि 16.25 पैसे) का डिविडेंड देने की सिफारिश की है। हालांकि यह फैसला आने वाली AGM में शेयरहोल्डरों की मंजूरी के बाद ही लागू होगा। इसके साथ ही, बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में इक्विटी और बॉन्ड्स के जरिए ₹7,000 करोड़ जुटाने की योजना को भी मंजूरी दी है। इसमें से ₹5,000 करोड़ तक की रकम इक्विटी के रूप में (QIP, राइट्स इश्यू या इनके कॉम्बिनेशन से) जुटाई जाएगी। इसके अलावा, बैंक ने बेसल III मानकों के तहत AT-1 परपेचुअल बॉन्ड या टियर-2 बॉन्ड के ज़रिए ₹2,000 करोड़ तक जुटाने का प्रस्ताव रखा है, जो जरूरत के मुताबिक इस साल या अगले साल के दौरान एक या ज्यादा बार जारी किए जा सकते हैं।