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अमेरिकी टैरिफ नीति पर भारत का कूटनीतिक रुख, सौहार्दपूर्ण समाधान की ओर बढ़ रहे कदम

अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी पर भारत का संयमित रुख, व्यापार संबंधों को और मजबूत करने की योजना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रतिस्पर्धी टैरिफ (reciprocal tariffs) की घोषणा के बाद भारत ने सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार को भारत ने कहा कि वह अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) के जरिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने पर विचार किया जा रहा है।

“अमेरिका फर्स्ट” नीति और बढ़ते व्यापारिक तनाव

ट्रंप ने इस हफ्ते घोषणा की थी कि 2 अप्रैल से अमेरिका उन देशों पर भी टैरिफ लगाएगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक शुल्क वसूलते हैं। उनकी इस नीति ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ा दी है, क्योंकि कई देशों ने इसका जवाबी कदम उठाने का ऐलान कर दिया है। नई दिल्ली ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी है और संकेत दिया है कि इस मुद्दे का कोई सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने बताया कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर चर्चा की थी, जिससे दोनों देशों को समान रूप से लाभ हो।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा जारी

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर थे, जहां उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात की। दोनों सरकारें मल्टी-सेक्टर द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर आगे की चर्चा कर रही हैं। रणधीर जैसवाल ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत-अमेरिका व्यापार को और मजबूत करना है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देना, बाजार तक पहुंच को आसान बनाना और दोनों देशों के बीच सप्लाई चेन को और गहराई से जोड़ना शामिल है।”

भारत को “टैरिफ किंग” बताने वाले ट्रंप ने फिर उठाया मुद्दा

मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने यूरोपीय संघ, चीन, कनाडा और भारत का जिक्र किया और आरोप लगाया कि ये देश अमेरिकी उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाते हैं। उन्होंने कहा कि “दशकों तक दूसरे देशों ने अमेरिका पर टैरिफ लगाए हैं, अब हमारी बारी है।”

बड़ा व्यापार सौदा करने की योजना

13 फरवरी को वाशिंगटन डीसी में मोदी और ट्रंप के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान 2025 के अंत तक एक बड़े व्यापारिक समझौते पर बातचीत शुरू करने और 2030 तक भारत-अमेरिका के व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया। संयुक्त बयान के अनुसार, “दोनों नेताओं ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए, 2025 के अंत तक पहले चरण का द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) करने पर सहमति जताई।” नई दिल्ली को उम्मीद है कि भारत ट्रंप प्रशासन के 2 फरवरी से लागू किए जाने वाले प्रतिस्पर्धी टैरिफ से बच सकता है।

भारत ने टैरिफ कम करने के संकेत दिए

राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ट्रंप कई बार भारत की टैरिफ नीतियों की आलोचना कर चुके हैं, और भारत को “टैरिफ किंग” और “टैरिफ अब्यूसर” तक कह चुके हैं। हालांकि, भारत ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने की घोषणा की। इसमें बोर्बन व्हिस्की, वाइन और इलेक्ट्रिक

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