भारत के तुर्की और अज़रबैजान से रिश्ते खतरे में: आतंकवाद पर दो टूक स्टैंड से व्यापार और पर्यटन पर असर

भारत-तुर्की-अज़रबैजान: रिश्तों में आई दरार?
पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से भारत के तुर्की और अज़रबैजान के साथ रिश्तों में खटास आ गई है। दोनों देशों ने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया है, जिससे भारत में नाराज़गी है। आइए, इस तनाव के पीछे की वजहों और आगे क्या हो सकता है, इसे समझते हैं।
तुर्की-अज़रबैजान का पाकिस्तान के साथ खड़ा होना
भारत की कार्रवाई के बाद तुर्की और अज़रबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया। तुर्की ने तो यहाँ तक कि पाकिस्तान को ड्रोन भी दिए। इससे भारत में इन देशों के खिलाफ भावनाएँ भड़क उठी हैं और सोशल मीडिया पर इनके सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की माँग उठ रही है।
यात्रा पर चेतावनी
कई भारतीय ट्रैवल कंपनियों ने लोगों को तुर्की और अज़रबैजान जाने से मना किया है। इन देशों के पाकिस्तान के साथ खड़े होने और भारत-विरोधी बयानों के कारण यह सलाह दी गई है। इससे इन देशों के पर्यटन पर बुरा असर पड़ सकता है, खासकर तुर्की पर, जिसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर काफी निर्भर है।
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद
कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। हालांकि संघर्ष विराम हुआ, लेकिन तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन करना और भारत विरोधी बयानबाजी ने रिश्तों को और बिगाड़ दिया।
व्यापार पर असर
भारत और तुर्की के बीच व्यापार काफी ज़्यादा है, जबकि अज़रबैजान के साथ कम। लेकिन इस तनाव से दोनों देशों के साथ भारत के व्यापारिक रिश्तों पर असर पड़ सकता है। हालांकि भारत को दोनों देशों से व्यापार में फायदा है, फिर भी बहिष्कार का असर इन पर ज़रूर पड़ेगा।
मुख्य व्यापारिक उत्पाद
भारत तुर्की को तेल, खनिज, इलेक्ट्रॉनिक सामान, ऑटो पार्ट्स, दवाइयाँ, रबर, कपास और स्टील भेजता है। तुर्की से संगमरमर, सेब, सोना, सब्ज़ियाँ, सीमेंट, केमिकल और स्टील आते हैं। अज़रबैजान के साथ व्यापार में तंबाकू, चाय, कॉफी, अनाज, प्लास्टिक, पशुओं का चारा, इत्र और केमिकल शामिल हैं।
आम भारतीयों पर प्रभाव
तुर्की और अज़रबैजान में कई भारतीय रहते हैं, जिनमें छात्र भी शामिल हैं। इन देशों के भारत-विरोधी रुख से उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। सोशल मीडिया पर इन देशों के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की माँग ज़ोर पकड़ रही है।
आगे क्या?
तुर्की और अज़रबैजान के रवैये ने भारत के साथ उनके रिश्तों को खराब कर दिया है। अगर इन देशों ने अपना रवैया नहीं बदला, तो व्यापार, पर्यटन और निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है। भारत ने साफ़ कर दिया है कि वह आतंकवाद के मामले में किसी भी तरह की समझौते के लिए तैयार नहीं है।



