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इंडसइंड बैंक ने वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए ग्रांट थॉर्नटन को जिम्मा सौंपा: रिपोर्ट

इंडसइंड बैंक : भारत के इंडसइंड बैंक ने ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है ताकि हाल ही में सामने आई अकाउंटिंग गड़बड़ियों की फॉरेंसिक जांच की जा सके और यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई धोखाधड़ी या आंतरिक हेरफेर तो नहीं हुआ है। इस मामले की सीधी जानकारी रखने वाले दो लोगों ने यह जानकारी दी। इंडसइंड बैंक भारत का पांचवां सबसे बड़ा निजी बैंक है, जिसकी बैलेंस शीट 63 अरब डॉलर की है। 10 मार्च को जब बैंक ने खुलासा किया कि उसके डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो का मूल्य 2.35% (यानी करीब 175 मिलियन डॉलर) ज्यादा दिखाया गया था, तो इसके शेयरों में करीब 23.4% की गिरावट आ गई। यह गड़बड़ी कुछ आंतरिक लेनदेन के नियमानुसार न होने के कारण हुई थी। इस अकाउंटिंग गड़बड़ी से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों का उल्लंघन हुआ, हालांकि केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है। गुरुवार को इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि उसने एक स्वतंत्र कंपनी को नियुक्त किया है जो इस समस्या की जड़ तक पहुंचेगी और गड़बड़ियों की पहचान करेगी। हालांकि, बैंक ने यह साफ नहीं किया कि जांच में संभावित धोखाधड़ी से जुड़े पहलुओं को भी देखा जाएगा या नहीं।

रविवार को दोनों सूत्रों ने बताया कि यह कंपनी ग्रांट थॉर्नटन है, जिसे इस मामले की व्यापक फॉरेंसिक जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है। यह जांच यह भी देखेगी कि लेनदेन में किसी तरह की धोखाधड़ी के कोई संकेत मिलते हैं या नहीं। उन्होंने गोपनीयता की वजह से अपना नाम न बताने की शर्त रखी। पहले सूत्र ने बताया कि ग्रांट थॉर्नटन न केवल गड़बड़ी की जिम्मेदारी तय करेगा बल्कि उन व्यक्तियों की भी पहचान करेगा जो इसके लिए जिम्मेदार थे। इसके अलावा, वह यह भी जांच करेगा कि डेरिवेटिव्स सौदों का लेखा-जोखा किस तरह से किया गया था और क्या इसमें जानबूझकर कोई आंतरिक हेरफेर हुआ था। इंडसइंड बैंक और ग्रांट थॉर्नटन ने इस मामले में टिप्पणी के लिए रॉयटर्स की ओर से भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। रॉयटर्स ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट किया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इंडसइंड बैंक के सीईओ और उनके डिप्टी से कहा है कि वे जल्द से जल्द पद छोड़ दें, जब तक कि उनके लिए उपयुक्त उत्तराधिकारी न मिल जाए, क्योंकि बैंक में इतनी बड़ी अकाउंटिंग गड़बड़ी पाई गई है। हालांकि, इंडसइंड बैंक ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ये खबरें “तथ्यों से परे” हैं।

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