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डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग गड़बड़ी से इंडसइंड बैंक को FY25 में 1,960 करोड़ का झटका

इंडसइंड बैंक ने रविवार को बताया कि उनके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में कुछ गड़बड़ियाँ हो गई हैं, जिसकी वजह से उन्हें 2024-25 में करीब 1,960 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। बैंक ने बताया कि एक बाहरी ऑडिटर ने 31 मार्च तक बैंक के मुनाफे और नुकसान के खाते में कुल 1,959.98 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है, जो कि 15 अप्रैल को दी गई जानकारी के लगभग बराबर ही है। बैंक ने कहा कि वे 2024-25 के अपने वित्तीय नतीजों में इन गड़बड़ियों का पूरा हिसाब दिखाएंगे और अपने अंदरूनी सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। बैंक ने यह भी बताया कि उन्होंने 1 अप्रैल 2024 से डेरिवेटिव सौदे करना बंद कर दिया है। बैंक के अनुसार, रिपोर्ट में पाया गया कि आंतरिक डेरिवेटिव सौदों की गलत तरीके से हिसाब-किताब किया गया, खासकर जब सौदे समय से पहले खत्म किए गए, जिससे गलत मुनाफा दिखाया गया। यही गड़बड़ी का मुख्य कारण था।

रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि इस पूरी प्रक्रिया में बड़े अधिकारियों का क्या रोल था और उन्होंने क्या फैसले लिए। बोर्ड ने कहा कि वे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और सीनियर मैनेजमेंट की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को फिर से तय करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। 15 अप्रैल को इंडसइंड बैंक ने बताया था कि एक और बाहरी एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर, डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ियों के कारण बैंक की कुल संपत्ति पर 1,979 करोड़ रुपये का नकारात्मक असर पड़ेगा। बैंक ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर 2024 तक डेरिवेटिव सौदों में गलतियों के कारण टैक्स के बाद उसकी कुल संपत्ति पर लगभग 2.27 फीसदी का नकारात्मक असर पड़ेगा। इस प्राइवेट बैंक ने पिछले महीने बताया था कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी के कारण दिसंबर 2024 तक उसकी कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 फीसदी तक का बुरा असर पड़ने का अनुमान है।

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