
इंदौर: इंदौर के सिर्फ छह साल के मासूम अयान्वित ने अबूधाबी में चार लोगों को नई ज़िंदगी दी। इंदौर के श्याम छापरवाल परिवार के बेटे विवेक और बहू पूजा अपने दो बच्चों – छह साल के अयान्वित और दो साल के अतुलित – के साथ शारजाह में रह रहे थे। कुछ दिन पहले पूरा परिवार अपने एक दोस्त के घर अबूधाबी गया था, जहां अयान्वित स्विमिंग पूल में डूब गया। उसे फौरन शेख खलीफा हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 5 अप्रैल को डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी। उन्होंने परिवार से कहा कि अगर वे ऑर्गन डोनेशन के लिए राज़ी हों, तो अयान्वित के अंग चार लोगों की ज़िंदगी बचा सकते हैं। आखिरकार, परिवार ने भारी मन से अंगदान की मंज़ूरी दे दी।
दिल, लिवर और दोनों किडनी दान किए 9 अप्रैल को सारी सरकारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद डॉक्टरों ने अयान्वित का दिल, लिवर और दोनों किडनी दान कर दिए। डॉक्टरों का कहना है कि इन अंगों से चार लोगों को नई ज़िंदगी मिलेगी। चूंकि पूरा छापरवाल परिवार इंदौर का ही रहने वाला है, इसलिए तय किया गया कि अयान्वित का अंतिम संस्कार इंदौर में ही किया जाएगा। 12 अप्रैल की रात अयान्वित के माता-पिता और छोटे भाई को लेकर इंडिगो की फ्लाइट इंदौर पहुंची। 13 अप्रैल को तिलक नगर मोक्षधाम में उसका अंतिम संस्कार किया गया। वहां मौजूद परिवार के लोगों की आंखों में आंसू थम नहीं रहे थे, जब सिर्फ दो साल के अतुलित ने अपने बड़े भाई को मुखाग्नि दी।
स्विमिंग पूल में डूबने से आया हार्ट अटैक अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि विवेक और पूजा शारजाह में रहते थे और कुछ दिन के लिए अपने दोस्त के यहां अबूधाबी गए थे। वहीं, स्विमिंग पूल में डूबने के कारण अयान्वित को दिल का दौरा पड़ा। अबूधाबी में ऑर्गन डोनेशन की सरकारी अनुमति तुरंत मिल गई थी। वहां की सरकार ने अयान्वित के पूरे इलाज से लेकर उसे एंबुलेंस के ज़रिए अबूधाबी से इंदौर लाने तक का सारा खर्च खुद उठाया। इसके अलावा, अबूधाबी सरकार ने अयान्वित के माता-पिता को खास सम्मान देने का भी फैसला लिया है। इसके लिए वे 24 अप्रैल को फिर से अबूधाबी जाएंगे। माहेश्वरी महासभा के अध्यक्ष संदीप काबरा ने माता-पिता और परिवार के इस साहसी फैसले की जमकर सराहना की है।