इस्राइल-ईरान में बढ़ा तनाव: अस्पताल पर मिसाइल हमले और रिएक्टर पर हमला, क्या शांति की उम्मीद बिखर गई?

इस्राइल पर मिसाइल हमला: क्या है पूरा मामला?
दक्षिणी इस्राइल में हुए भीषण मिसाइल हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। सोरोका मेडिकल सेंटर जैसे प्रमुख अस्पताल पर हुए इस हमले ने न केवल कई लोगों को घायल किया, बल्कि इलाके में दहशत का माहौल भी पैदा कर दिया। आइए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी।
सोरोका अस्पताल पर हमला: जानलेवा हमला
ईरान की मिसाइलों ने सोरोका अस्पताल को निशाना बनाया। इस हमले से अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट बुरी तरह प्रभावित हुई। गंभीर मरीजों को छोड़कर बाकी सभी को अस्पताल से बाहर निकाला गया। खिड़कियाँ टूट गईं, और काले धुएँ के गुबार आसमान में उठते दिखे। इस घटना में 40 से ज़्यादा लोग घायल हुए और अस्पताल तक पहुँचना मुश्किल हो गया।
तेल अवीव में भी हमले: डर का माहौल
तेल अवीव के आसपास के इलाकों में भी मिसाइलों ने तबाही मचाई। एक ऊँची इमारत और कई आवासीय इमारतें निशाने पर रहीं। लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। रेस्क्यू सेवा ने 40 से ज़्यादा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। यह घटना बेहद चिंताजनक है और इलाके में भारी तनाव है।
इस्राइल का जवाबी हमला: ईरान का रिएक्टर निशाना
इस हमले के जवाब में, इस्राइल ने ईरान के अरक भारी पानी वाले रिएक्टर पर हमला किया। इस्राइल की वायुसेना ने रिएक्टर के प्लूटोनियम उत्पादन उपकरणों को निशाना बनाया ताकि भविष्य में इनका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में न हो सके। ईरान का कहना है कि रिएक्टर से कोई रेडिएशन का खतरा नहीं है।
इस्राइल की वायु रक्षा प्रणाली: कितनी कारगर?
ईरान ने सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे, लेकिन इस्राइल की वायु रक्षा प्रणाली ने कई को रोक दिया। हालांकि, कई मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुँच गईं, जिससे सोरोका अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण जगहों को नुकसान पहुँचा। इससे वायु रक्षा प्रणाली की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया: चिंता और अपील
अरक रिएक्टर पर हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी IAEA ने चिंता जताई और इस्राइल से अपील की कि वह परमाणु स्थलों पर हमला न करे। यह रिएक्टर 2015 के परमाणु समझौते के तहत फिर से डिजाइन किया गया था, लेकिन ईरान ने फिर से इसका विस्तार किया। IAEA की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने रिएक्टर पर निगरानी कम कर दी है।