
विदेशी तूफान में डूबा भारतीय शेयर बाजार!
गुरुवार को शेयर बाजार में आई भारी गिरावट ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सेंसेक्स में 645 अंकों से ज़्यादा की गिरावट और निफ्टी का 24,600 के नीचे आ जाना इस बात का संकेत है कि विदेशी बाजारों की उथल-पुथल का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।
अमेरिका और जापान की चिंता
अमेरिका और जापान में बॉन्ड यील्ड में तेज़ी और अमेरिकी कर्ज़ को लेकर बढ़ती चिंताएँ बाज़ार में गिरावट का मुख्य कारण हैं। इस अनिश्चितता ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया है जिससे कई सेक्टर्स के शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। निवेशक जोखिम से दूर भाग रहे हैं और मुनाफावसूली कर रहे हैं।
बड़ी कंपनियों को झटका
Mahindra & Mahindra, Tech Mahindra, ITC, Hindustan Unilever, Reliance Industries और Maruti जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। हालांकि, IndusInd Bank, Bharti Airtel और UltraTech Cement जैसे कुछ शेयरों ने मामूली बढ़त दिखाई, लेकिन ये बाज़ार की कुल गिरावट को रोकने में नाकाम रहे।
सेक्टरवार गिरावट
एनर्जी और FMCG सेक्टर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए, जिनमें 1.25% तक की गिरावट दर्ज की गई। आईटी, ऑटो, ऑयल एंड गैस और फोकस्ड आईटी सेक्टर्स में भी भारी बिकवाली हुई। सिर्फ़ टेलीकॉम और सर्विस सेक्टर ने थोड़ी मजबूती दिखाई।
वैश्विक बाजारों का माहौल
एशियाई बाजारों (कोरिया, जापान, शंघाई, हांगकांग) में भी गिरावट देखी गई। यूरोपीय बाजारों में भी मंदी का माहौल बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड की कीमत में भी 1.37% की गिरावट आई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को तो खरीदारी की थी, लेकिन गुरुवार को बिकवाली में उनका योगदान कम रहा।
आगे क्या?
बुधवार को बाजार में तेज़ी के बाद गुरुवार की गिरावट निवेशकों के लिए एक झटके जैसी है। बाजार अभी भी काफी संवेदनशील है, और निवेशकों को सतर्क रहने की ज़रूरत है। विदेशी बाजारों के संकेतों पर नज़र रखना और समझदारी से निवेश करना बेहद ज़रूरी है।