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महाकुंभ 2025: महाकुंभ की गूंज पाकिस्तान से यूएई तक! इस्लामी देशों को क्यों लुभा रहा है सनातन धर्म?

महाकुंभ 2025: महाकुंभ 2025, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक सभा माना जाता है, अब केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक खास आकर्षण बन गया है। इस बार इस कार्यक्रम के प्रति पाकिस्तान, कतर, यूएई और बहरीन जैसे इस्लामी बहुल देशों में भी जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, इन देशों से महाकुंभ से जुड़ी जानकारी की खोज में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस बार 45 करोड़ भक्तों के प्रयागराज में महाकुंभ आने की उम्मीद है। ऐसे में सुरक्षा के लिए 7 लेयर व्यवस्था की गई है। आइए जानते हैं कि महाकुंभ लोगों को क्यों आकर्षित कर रहा है? इस्लामी देशों का आकर्षण क्यों बढ़ रहा है?

सांस्कृतिक समानताएँ और साझा मूल्यों की खोज:

इस्लामी देशों में महाकुंभ के प्रति बढ़ती रुचि का एक बड़ा कारण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समानताएँ हैं। तीर्थयात्रा, शुद्धि और पवित्र स्थलों पर एकत्र होने का विचार, चाहे वह मुसलमानों के लिए मक्का हो या हिंदुओं के लिए प्रयागराज का संगम, सभी को जोड़ता है।

आधुनिक डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रभाव:

महाकुंभ 2025 का लाइव स्ट्रीमिंग आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया पर इसे वैश्विक दर्शकों के लिए अधिक सुलभ बना रहा है।

  • 15 जनवरी 2025 तक 3.3 मिलियन आगंतुक।
  • 183 देशों और 6,206 शहरों से लोग इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं।

सनातन धर्म का वैश्विक प्रभाव:

महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के सार्वभौमिक आकर्षण को दर्शाता है। इसका आध्यात्मिक संदेश मानवता, एकता और शांति को बढ़ावा देता है, जो हर धर्म के लोगों को आकर्षित करता है।

पाकिस्तान और इस्लामी देशों में महाकुंभ पर चर्चा:

  • पाकिस्तान में ट्रेंडिंग: गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, पाकिस्तान महाकुंभ से संबंधित ऑनलाइन खोजों में आगे है। वहाँ के लोग इस कार्यक्रम के स्तर, परंपराओं और आध्यात्मिक महत्व के बारे में जिज्ञासु हैं।
  • यूएई, कतर और बहरीन: इन देशों ने भी महाकुंभ में विशेष रुचि दिखाई है। लोग वहाँ कार्यक्रम से संबंधित अपडेट और वीडियो नियमित रूप से देख रहे हैं।

महाकुंभ की वैश्विक पहचान:

महाकुंभ केवल हिंदू धर्म का एक कार्यक्रम नहीं रह गया है, बल्कि यह एक वैश्विक आध्यात्मिक महोत्सव बन गया है। यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बन गया है।

  • 183 देशों के तीर्थयात्री इसमें भाग लेते हैं।
  • ब्राजील, जर्मनी, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन जैसे देशों के भक्त भी बड़ी संख्या में आते हैं।

पाकिस्तान और अरब देशों से बढ़ती रुचि ने इसे अंतर-सांस्कृतिक संवाद का एक मंच बना दिया है।

सनातन धर्म का सार्वभौमिक आकर्षण:

यह कार्यक्रम उन मूल्यों को उजागर करता है जो सभी धर्मों को जोड़ते हैं।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मंच:

यह दुनिया के हर कोने के लोगों को एक साथ लाता है।

अब हमें यह समझना है कि हिंदू जनसंख्या का इस्लामिक भूमि पर कितना प्रभाव है?पाकिस्तान में हिंदू जनसंख्या: पाकिस्तान में हिंदू जनसंख्या कितनी है?

पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो की एक रिपोर्ट, जो पिछले साल जुलाई 2024 में आई, ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, द डॉन अखबार के हवाले से, 2023 की जनगणना रिपोर्ट में देश की कुल जनसंख्या 24 करोड़ से अधिक है, जिसमें 38 लाख हिंदू शामिल हैं। इस हिसाब से, सामान्य और अनुसूचित जातियों के हिंदुओं की संख्या 38,67,729 है। विभाजन से पहले 1941 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में 14.6 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू थी। आइए जानें जिलेवार स्थिति:

  • थारपारकर: यहाँ हिंदू जनसंख्या का प्रतिशत काफी अधिक है। यहाँ लगभग 7,14,698 हिंदू निवास करते हैं।
  • उमारकोट: यह पाकिस्तान का एकमात्र हिंदू-बहुल जिला है, जहाँ जनसंख्या का 52.15% हिंदू है।
  • सांगहर: इस जिले में भी हिंदू समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति है।
  • मीरपुरखास: यहाँ भी बड़ी संख्या में हिंदू लोग रहते हैं।
  • कराची: पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में भी हिंदू समुदाय मौजूद है, हालांकि ये कुल जनसंख्या का एक छोटा हिस्सा हैं।

यूएई में हिंदू जनसंख्या: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हिंदू जनसंख्या कितनी है?

यूएई में हिंदू जनसंख्या मुख्य रूप से भारतीय और नेपाली प्रवासियों से बनी है। हालांकि, जिलेवार (एमीरात अनुसार) सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। 2010 की पीयू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू यूएई की कुल जनसंख्या का 6.6% हैं। हालांकि, कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार, यह प्रतिशत 6.6% से 15% तक हो सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि यूएई में अधिकांश हिंदू प्रवासी भारतीय और नेपाली समुदाय से हैं। चलिए जिलेवार जानते हैं:

  • अबू धाबी: यहाँ भी हिंदू समुदाय की उपस्थिति है, और एक नया हिंदू मंदिर निर्माणाधीन है।
  • शारजाह: शारजाह में भी भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति है, जिसमें एक बड़ा हिंदू समुदाय शामिल है।

कतर और बहरीन में हिंदू जनसंख्या: कतर और बहरीन में हिंदू कितने हैं?

कतर और बहरीन में हिंदू जनसंख्या मुख्य रूप से भारतीय और नेपाली प्रवासियों से बनी है।

कतर में हिंदू जनसंख्या:

  • कुल प्रतिशत: कतर में हिंदू कुल जनसंख्या का 15.9% हैं, जो इस्लाम के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह बनाते हैं।
  • कुल संख्या: यदि कतर की कुल जनसंख्या लगभग 27 लाख (2.7 मिलियन) मानी जाए, तो हिंदू जनसंख्या लगभग 4,30,000 है।
  • क्षेत्रीय वितरण: कतर में हिंदू जनसंख्या मुख्य रूप से राजधानी दोहा और उसके आसपास के क्षेत्रों में केंद्रित है, जहाँ अधिकतर प्रवासी काम करते हैं।

बहरीन में हिंदू जनसंख्या:

कुल संख्या: यदि बहरीन की कुल जनसंख्या लगभग 15 लाख (1.5 मिलियन) मानी जाए, तो हिंदू जनसंख्या लगभग 1,50,000 है।

कुल प्रतिशत: बहरीन में हिंदू कुल जनसंख्या का 10.2% हैं।

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