मनोरंजन
Trending

महेश भट्ट ने बताया, क्यों डर के वक्त मां कहती थीं – ‘या अली मदद’

महेश भट्ट: एक ऐसा नाम जिसे किसी परिचय की ज़रूरत नहीं 76 साल के महेश भट्ट का नाम सुनते ही हिंदी सिनेमा की कई बेहतरीन फिल्में याद आ जाती हैं। कई सालों तक उन्होंने ऐसी फिल्में बनाईं, जिनके गाने लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गए। उनके गानों में कुछ ऐसा जादू था कि वो सीधे दिल को छू जाते थे। कई फिल्मों की कहानियाँ तो उन्होंने अपनी ज़िंदगी से ही ली थीं। महेश भट्ट की मां मुस्लिम थीं और पिता हिंदू। साल 1998 में आई फिल्म ‘ज़ख्म’ भी उनकी ज़िंदगी से जुड़ी कहानी मानी जाती है। हाल ही में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने अपने बचपन और निजी जीवन से जुड़ी कई बातों पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया, “जब मैं पैदा हुआ तो भारत को आज़ाद हुए ज़्यादा समय नहीं हुआ था। मेरा जन्म 1948 में हुआ। मेरी मां शिया मुस्लिम थीं और मेरे पिता नागर ब्राह्मण, जो फिल्मों से जुड़े थे। हम मुंबई के शिवाजी पार्क के पास रहते थे। वहीं मेरा बचपन बीता।”

“जब मैं स्कूल जाने के लिए तैयार होता, तो मेरी मां मुझे नहलाते वक्त कहती थीं, ‘तू नागर ब्राह्मण का बेटा है, तेरा गोत्र भार्गव है और शाखा अश्विन। लेकिन बेटा, अगर कभी डर लगे तो ‘या अली मदद’ कह देना।’ मैंने डॉन बॉस्को स्कूल में पढ़ाई की। उस वक़्त हम सब खुद को हिंदुस्तानी मानते थे, किसी धर्म से पहले इंसान थे।” महेश ने थोड़े भावुक होकर आगे कहा, “कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी वक़्त आएगा जब मेरी वही मिली-जुली संस्कृति, जो मेरी पहचान है, मेरे अंदर बसी है – वही आज किसी बोझ या ज़ख्म जैसी लगने लगेगी। लेकिन मैं आज भी पूरी हिम्मत के साथ कहता हूँ कि ये संस्कृति ही मेरी ताक़त है। अगर इससे अलग हो जाऊं, तो अधूरा हो जाऊंगा।”

“मेरा बचपन बहुत खास था – एक अजीब बेचैनी, एक अंदरूनी उलझन हमेशा साथ रही। हम अपने सच को छिपाकर जीते थे। मेरे पिता ने कभी समाज के सामने मेरी मां से शादी नहीं की थी। ये बात हमारे लिए किसी दाग जैसी थी, जिसे हम सब छिपाते थे। मुझे समझ नहीं आता था कि अगर ये हमारी सच्चाई है, तो इसे छिपाना क्यों पड़ता है। बचपन से ही एक ओर सिखाया गया कि सच बोलो, लेकिन दूसरी तरफ उस सच को ही छुपाया गया। इस उलझन ने मुझे अंदर से हमेशा बेचैन रखा, लेकिन आज जब पीछे मुड़कर देखता हूं, तो समझ आता है कि उस वक़्त की बातें मुझे कितना कुछ सिखा गईं।”

Related Articles

Back to top button