राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ द्वारा आज टीकाकरण, आईएमआई (Intensified Mission Indradhanush) 5.0 तथा यू-विन पोर्टल के बारे में मीडियाकर्मियों को सेन्सिटाइज करने कार्यशाला का आयोजन किया गया। रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित राज्य स्तरीय मीडिया कार्यशाला में प्रदेश के कई जिलों के मीडियाकर्मी शामिल हुए। कार्यशाला में पांच वर्ष तक के हर बच्चे तक सभी टीकों की पहुंच सुनिश्चित करने, लोगों को टीकाकरण का महत्व बताने तथा उन्हें इसके लिए प्रेरित करने एवं टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया गया। मीडियाकर्मियों ने अधिकारियों से सवाल पूछकर टीकाकरण एवं इन्टेन्सिफाइड मिशन इंद्रधनुष 5.0 से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान किया।
संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि टीकाकरण से बच्चों की मृत्यु और विकलांगता रोकी जा सकती है। टीकों के माध्यम से हम बच्चों को जितना अधिक सुरक्षित कर सकते हैं, करना चाहिए। यह उन्हें बीमारियों से बचाती है। बच्चों की अच्छी इम्युनिटी और अच्छी सेहत के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल सभी टीके लगवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया लोगों तक जानकारी पहुंचाने और उन्हें जागरूक करने का सशक्त माध्यम है। इनकी अच्छी पहुंच है और यह लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। सघन टीकाकरण अभियान आईएमआई 5.0 को ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचाने और उनका जीवन सुरक्षित करने में मीडिया के साथियों का भरपूर सहयोग मिलेगा, ऐसी वे अपेक्षा करते हैं।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत ने कार्यशाला में कहा कि आईएमआई 5.0 के माध्यम से टीकाकरण से छूटे पांच वर्ष तक के हर बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश भर में तीन चरणों में यह अभियान संचालित किया जाएगा। पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक, दूसरा चरण 11 सितम्बर से 16 सितम्बर तक तथा तीसरा चरण 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। जो बच्चे नियमित टीकाकरण में छूट गए हैं, उनका इस अभियान के दौरान टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईएमआई 5.0 में खसरा और रूबेला के उन्मूलन पर खास जोर दिया जा रहा है।
यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख श्री जॉब जकारिया ने कार्यशाला में कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों के लिए जीवनरक्षक और विकलांगता से बचानेवाला है। पूरी दुनिया में हर साल पांच वर्ष तक की उम्र के 50 लाख बच्चों की मृत्यु होती है जिनमें से 15 लाख बच्चे ऐसे हैं जो टीकों से दूर हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर लोगों में झिझक, भ्रांति और गलत धारणाएं हैं। कुछ प्रतिकूल घटनाओं के कारण भी कई बार लोग टीकाकरण के लिए नहीं आते हैं। हर बच्चे तक सभी टीकों की पहुंच सुनिश्चित करने इन बाधाओं को दूर करने में मीडिया अहम योगदान दे सकती है। श्री जकारिया ने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि वे इन्टेन्सिफाइड मिशन इंद्रधनुष 5.0 और टीकाकरण के फायदों के बारे में लोगों को बताएं। उन्हें जागरूक व शिक्षित करें तथा टीकों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करें।
कार्यशाला में यूएनडीपी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी श्री अंशुमन मोइत्रा ने टीकाकरण का रिकॉर्ड रखने और रिपोर्टिंग के लिए तैयार किए गए पोर्टल यू-विन (U-Win) के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के टीकाकरण के लिए भारत सरकार द्वारा यू-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इसके माध्यम से लाभार्थियों का नेम बेस्ड ट्रैकिंग किया जा सकता है जिससे सभी बच्चों को समय पर टीका लगाने में सहायता मिलेगी और लेफ्ट-आउट एवं ड्रॉप-आउट बच्चों की संख्या को कम किया जा सकेगा। यू-विन के माध्यम से टीकाकरण के तुरंत बाद डिजिटल सर्टिफिकेट जारी हो जाता है।