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नर्मदा परिक्रमा पथ किया जायेगा विकसित -संबंधित विभागों के समन्वित प्रयास से होंगे विकास कार्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल:  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पुण्य सलिला माँ नर्मदा का मध्यप्रदेश को विशेष आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा के परिक्रमा पथ का श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विकास किया जाएगा। इसके लिए मंत्रि-मंडलीय उप समिति का गठन किया गया है। परिक्रमा पथ के विकास के लिए सभी संबंधित विभागों के समन्वित प्रयासों से विशेष कार्य योजना तैयार कर विकास कार्य कराये जाएंगे। परिक्रमा पथ पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों के विकास, वृक्षारोपण, आवास निर्माण, अन्न क्षेत्र निर्माण आदि कार्य किये जाएंगे।

 मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को इंदौर में अष्टधातु से निर्मित माँ नर्मदा की अलौकिक प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इंदौर नगर निगम द्वारा विकसित माँ नर्मदा चौराहे के सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शंख ध्वनि और मां नर्मदा के जयकारों के बीच मां नर्मदा की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर नर्मदा अष्टक का गान भी हुआ। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, राज्यसभा सांसद सुश्री कविता पाटीदार, विधायक श्री महेंद्र हार्डिया, सुश्री ऊषा ठाकुर, श्री गोलू शुक्ला, श्री रमेश मेंदोला, श्री मधु वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि माँ नर्मदा आध्यात्मिक रूप से विशेष महत्व रखती है। यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसकी श्रद्धालुओं द्वारा पूरी परिक्रमा की जाती है। इसके तट तपोभूमि और साधना स्थली है। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, इसके लिए हम योजना तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मां नर्मदा का इंदौर में विशेष महत्व एवं आशीर्वाद है। इंदौर की लोकमाता देवी अहिल्याबाई पर मां नर्मदा का विशेष आशीर्वाद रहा है। इस नदी का जगत गुरु शंकराचार्य ने नर्मदा तट पर ही दीक्षा ग्रहण की। इंदौर में नर्मदा का भरपूर पेयजल मिल रहा है। इससे इंदौर के विकास को नई गति मिली है।

महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने नर्मदा चौराहे के विकास के संबंध में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चौराहे के सौंदर्यीकरण अन्तर्गत किये गये कार्यों में माँ नर्मदा की प्रतिकृति, शंख फाउंटेन और महेश्वर का किला आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस चौराहे पर मां नर्मदा की 8 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। इसकी चौड़ाई 8 फीट है। इसके नीचे मगर की प्रतिकृति भी है। माँ नर्मदा की यह मूर्ति अष्ट धातु से बनी है, जिसे ग्वालियर के आर्टिस्ट अनुज राय ने तैयार किया है। चौराहे का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है और इसे अलग-अलग थीम पर तैयार किया जा रहा है। एक आइलैंड पर महेश्वर का किला और दूसरे आइलैंड पर भेड़ाघाट की प्रतिकृति, शंख फाउंटेन और अन्य आकर्षक आकृतियां दिखाई देंगी। इन आकृतियों और ढाँचा को एमएस धातु से तैयार किया गया है। एक खास बात यह है कि यह पूरा ढाँचा चलित है, यानी यदि भविष्य में चौराहे को स्थानांतरित करने की आवश्यकता पड़ी, तो इसे आसानी से स्थातांरित किया जा सकता है। नर्मदा परिक्रमा की जानकारी को भी चौराहे पर आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया है। कार्यक्रम के प्रारंभ में विधायक श्री मधु वर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया।

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