माधव कंडाली असमिया रामायण के लेखक हैं जिस तरह कृतिवास ने बंगाली में अद्भुत रामायण की रचना की, असमिया रामायण असम की लोक परंपरा में गहराई से निहित है। 21 सदस्यीय टीम असम से आई है। इंडोनेशियाई दल मार्च कर रहा है।
मुख्य मंच के सामने पारंपरिक वेषभूषा में रामनामी समाज का मार्च पास्ट। मार्च पास्ट में गोवा से लेकर छत्तीसगढ़ तक के कलाकारों की टीम ने भी हिस्सा लिया। झारखंड के 25 सदस्यीय दल ने अपने पारंपरिक उपकरणों और वेशभूषा के साथ मार्च पास्ट किया। . उन्होंने खास मास्क भी पहना हुआ है।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव
केरल से कलाकारों का 12 सदस्यीय दल आया है। मार्च पास्ट में पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के एक दल ने भी भाग लिया। इस टीम में 25 सदस्य हैं।कर्नाटक और महाराष्ट्र के 18 सदस्यीय कलाकार मंडली ने मार्च पास्ट में एक सुंदर प्रदर्शन दिया। उनके आगे बजरंगबली चल रहे हैं।
उत्तराखंड की टीम को लीड करते नजर आ रहे हैं रावण। यह अद्भुत परंपरा जहां राम भी अंतिम समय में लक्ष्मण को रावण से ज्ञान लेने के लिए भेजते हैं ताकि रावण अपनी मृत्यु के समय लक्ष्मण को अपना ज्ञान प्रदान कर सके।
छत्तीसगढ़ की पार्टियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। इस आयोजन में 12 राज्यों के 270 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। जिसमें प्रदेश के 70 तथा विदेश के 27 कलाकारों ने भाग लिया।