
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में तो कर्मचारियों के लिए सैलरी बढ़ाने का ऐलान तो हो गया, लेकिन अफसरों ने इसे लागू करने का मन ही नहीं बनाया! कई भत्ते भी रोके जा रहे हैं। इस सब से कर्मचारियों का पारा चढ़ा हुआ है और वो अब विरोध करने की धमकी दे रहे हैं। राज्य के बड़वानी में तो टीचर भी गुस्से में हैं। ओल्ड पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के तहत, टीचरों ने सहायक आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा और जिले में तैनात सभी टीचरों की समस्याओं को बताया। साथ ही, उनका समाधान करने की मांग की। उन्होंने पदोन्नत टीचरों को बकाया वेतन और HRA जल्द से जल्द देने की भी मांग की।
टीचरों का कहना है कि जिले में कई प्राइमरी और सेकेंडरी टीचरों के प्रमोशन ऑर्डर अटके हुए हैं। सैलरी के भत्ते भी नहीं मिल रहे हैं। सितंबर में इन्हीं मुद्दों को लेकर कलेक्टर को आवेदन भी दिया गया था, लेकिन कोई हल नहीं निकला। ज्ञापन में, टीचरों ने जिले में पदोन्नत टीचरों को प्रमोशन का बकाया वेतन जल्द से जल्द देने की मांग की। साथ ही, उच्च पद का चार्ज देने की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने और समय सीमा के अंदर पूरा करने और योग्य टीचरों को लाभ देने की मांग की गई। इसके साथ ही, 3% DA का बकाया भुगतान करने की भी मांग की गई।
टीचरों ने नए टीचर कैडर के मृत टीचरों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति देने और जिन BLOs की सैलरी काटने का आदेश दिया गया था, उनकी सैलरी आने वाली सैलरी के साथ जारी करने की भी मांग की है। ज्ञापन में, टीचरों ने कहा कि जिले के कुछ विकास खंडों में विकलांग भत्ता और HRA नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने आने वाली सैलरी में विकलांग भत्ता और HRA जोड़कर सैलरी देने की मांग की। टीचरों ने स्थापना शाखा के प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके उदासीन रवैये के कारण सभी भुगतान और काम लम्बित पड़े हुए हैं। ज्ञापन में, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले 10 दिनों में समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।