मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश के कांकेर जिले के आदिवासी बहुल अंतागढ़ की गोटूल रचा समिति को इंडोनेशिया जाने का महत्वपूर्ण अवसर मिला है. अध्ययन भ्रमण पर निकले समिति सदस्यों का सफर इतना रोचक और अनुभवों से भरा रहा कि लौटने के बाद विधायक श्री अनूप नाग के नेतृत्व में सीधे मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे और सहजता से अपने अनुभव साझा किए.
मुख्यमंत्री श्री बघेल से मुलाकात के दौरान सदस्यों ने खुशी-खुशी उन्हें बताया कि राज्य से बाहर यात्रा करना हमारे लिए सपना और असंभव है, ऐसे में आपने हमें छत्तीसगढ़ की पहचान, संस्कृति, कृषि, परंपरा की एक विदेशी भूमि में जनजातियों को दिखाया. प्रदर्शन और इन देशों में कृषि और वानिकी में हो रहे नवाचारों को सीखने और समझने के लिए इसने हमें जो महत्वपूर्ण अवसर दिया, वह हमारी स्मृति में हमेशा के लिए अंकित हो गया।
इस 13 सदस्यीय गोटूल रचा समिति अंतागढ़ अध्ययन दल ने 8 मई से 18 मई तक इंडोनेशिया में आदिवासी संस्कृति, पारंपरिक कृषि और वन फसल का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से वित्तीय अनुदान के साथ दौरा किया। टीम में राज्य के सुदूर वनांचल स्थित अंतागढ़ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों के सदस्य शामिल थे। इनमें श्री परमानंद उइके, अध्यक्ष गोटूल रचा समिति अंतागढ़, सहित श्री राजूराम उसेंडी, रामसिंह मरकाम, कांगलू राम कोमारा, सतीश टेकाम, अघन सिंह सलाम, माणिक लाल कोमारा, सुरेश कुमार मंडावी, जुगल राम उसेंडी, खेमन कुमार उसेंडी, बीरसिंह शामिल हैं. मंडावी, अनिल कुमार दुग्गा और दिनेश कुमार दुग्गा।