RCB जीत जश्न में भगदड़ पर हाई कोर्ट सख्त: सरकार से मांगे 9 सवालों के जवाब, 10 जून तक देना होगा हल

RCB जश्न हादसा: कोर्ट का सख्त रुख और बड़े सवाल
बेंगलुरु में RCB की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के बाद, कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कोर्ट ने कई अहम सवाल उठाए हैं जिनके जवाब सरकार को 10 जून तक देने होंगे।
इजाज़त की कहानी: कौन, कैसे और क्यों?
कोर्ट ने सबसे पहले सवाल उठाया है कि इस विशाल जश्न की इजाज़त किसने और कैसे दी? क्या सभी ज़रूरी परमिशन लिए गए थे? क्या आयोजकों ने भीड़ को संभालने की कोई योजना बनाई थी? कोर्ट चाहता है कि सरकार साफ-साफ बताए कि इस इवेंट को मंज़ूरी देने का क्या तर्क था और क्या सभी नियमों का पालन किया गया। सरकार को हर पहलू पर स्पष्टीकरण देना होगा।
भीड़ का प्रबंधन: क्या थी योजना?
कोर्ट ने भीड़ प्रबंधन की योजना पर भी सवाल उठाए हैं। क्या इतनी बड़ी भीड़ के आने का अंदाज़ा था? क्या ट्रैफिक, मेडिकल सुविधाएँ और भीड़ संभालने के लिए कोई ठोस योजना थी? अगर थी, तो क्या उसे सही से लागू किया गया? अगर नहीं, तो बिना किसी योजना के इतने बड़े आयोजन की अनुमति देना कितना सही था? कोर्ट सरकार से चाहता है कि वो इस पर पूरी जानकारी दे।
मेडिकल मदद और आपातकालीन व्यवस्था: क्या थी तैयारी?
कोर्ट ने आपातकालीन व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए हैं। क्या भीड़ का सही अनुमान लगाया गया था? क्या पर्याप्त एंबुलेंस, डॉक्टर और आपातकालीन सेवाएँ मौजूद थीं? घायलों को समय पर मदद क्यों नहीं मिल पाई? अस्पताल पहुँचने में देरी क्यों हुई? इन सभी सवालों के जवाब सरकार को देने ही होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
कार्रवाई: 5 पुलिस अधिकारी निलंबित
इस घटना के बाद, सरकार ने बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर समेत 5 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कदम कोर्ट की टिप्पणी और बढ़ते राजनीतिक दबाव के बाद उठाया गया है।
कोर्ट की सुनवाई: प्रशासन पर दबाव
कोर्ट की इस सुनवाई से प्रशासन पर जवाबदेही का दबाव बढ़ गया है। कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि बड़े आयोजनों के लिए पहले से ही पूरी योजना और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका तय होनी चाहिए। लोगों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
जनता की उम्मीदें: इंसाफ़ की आस
अब सभी की नज़रें सरकार के जवाब पर हैं। जनता को उम्मीद है कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा और हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को इंसाफ़ मिलेगा। सरकार का जवाब बताएगा कि यह प्रशासनिक चूक थी या जानबूझकर लापरवाही।