
रिलायंस और एयरटेल के शेयर चढ़े, लेकिन जल्द ही गिरे, बाज़ार में उतार-चढ़ाव जारी
बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल के शेयरों की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन कुछ ही समय बाद ये बढ़त खत्म हो गई और दोपहर तक शेयर गिरावट में चले गए। इन दोनों दिग्गज कंपनियों के शेयरों में उछाल की वजह एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ उनकी साझेदारी थी। रिलायंस और एयरटेल ने भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं देने के लिए स्पेसएक्स के साथ करार किया है।
शेयरों में उतार-चढ़ाव
भारती एयरटेल का शेयर 3.37% बढ़कर ₹1,717.25 पर पहुंचा, लेकिन बाद में गिरकर 1.28% नीचे ₹1,640 पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर यह 0.77% की गिरावट के साथ ₹1,650.10 तक पहुंच गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी शुरुआती कारोबार में 1.3% चढ़कर ₹1,263 तक पहुंचे, लेकिन फिर 0.15% की गिरावट के साथ ₹1,245.40 पर आ गए।
बाज़ार में उतार-चढ़ाव जारी
सेंसेक्स 413.08 अंक गिरकर 73,689.24 पर आ गया, जबकि निफ्टी 139.05 अंक लुढ़ककर 22,358.85 पर पहुंच गया।
स्पेसएक्स के साथ समझौते से उम्मीदें
रिलायंस की डिजिटल सर्विस कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स ने स्पेसएक्स की स्टारलिंक ब्रॉडबैंड सेवा देने के लिए करार किया है। यह करार भारती एयरटेल के स्पेसएक्स के साथ हुए समझौते के ठीक एक दिन बाद हुआ। दोनों टेलीकॉम कंपनियों ने कहा कि यह करार तब ही लागू होगा जब स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक बेचने की मंजूरी मिलेगी।
सैटेलाइट तकनीक का नया युग
भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा, “जैसे 4G, 5G और भविष्य में 6G आई, वैसे ही अब हमारे पास एक और तकनीक होगी—सैट-जी। जल्द ही लोग दुनिया के किसी भी कोने में, समुद्रों और आसमान में भी मोबाइल इस्तेमाल कर सकेंगे।” मित्तल ने कहा कि वह पहले से ही टेलीकॉम और सैटेलाइट कंपनियों को साथ आने और दूर-दराज़ के इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए कह रहे थे।
एयरटेल और स्टारलिंक में पहले विवाद था
पहले एयरटेल और स्टारलिंक के बीच लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम प्राइसिंग को लेकर विवाद था। एयरटेल की पैरेंट कंपनी भारती समूह, स्टारलिंक की प्रतिद्वंदी कंपनी यूटेलसैट वनवेब में 21.2% की हिस्सेदारी रखती है। वनवेब को भारत में परिचालन की मंजूरी मिल चुकी है और वह अब स्पेक्ट्रम आवंटन का इंतजार कर रहा है।
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में भारी गिरावट
वोडाफोन आइडिया के शेयर बुधवार को 6% तक गिर गए। इसका कारण दिसंबर में कंपनी के 17.15 लाख वायरलेस ग्राहक खोना था। ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 में भारत में कुल टेलीफोन सब्सक्राइबर बेस 1,189.92 मिलियन हो गया। इसमें सबसे ज्यादा ग्राहक जोड़ने वाली कंपनी जियो रही, जिसके पास 476.58 मिलियन ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर हो गए। एयरटेल 289.31 मिलियन और वोडाफोन आइडिया 126.38 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ पीछे रही।