
डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे मजबूत, शेयर बाजार में भी तेजी
गुरुवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया 19 पैसे की बढ़त के साथ 87.03 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। मजबूत आर्थिक आंकड़ों और शेयर बाजार में खरीदारी के रुझान ने रुपये को सहारा दिया। विदेशी मुद्रा विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही वैश्विक स्तर पर व्यापार शुल्क को लेकर बढ़ते तनाव के चलते विदेशी पूंजी का बहिर्वाह जारी है, लेकिन कमजोर अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की घटती कीमतों से रुपये को मजबूती मिली। इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में रुपया 87.13 पर खुला और शुरुआती कारोबार में 87.03 के उच्च स्तर तक पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 19 पैसे ज्यादा था। बुधवार को रुपया 87.22 पर बंद हुआ था, जो मंगलवार को 10 पैसे की रिकवरी के बाद सिर्फ 1 पैसे की गिरावट थी। इससे पहले सोमवार को रुपये में 36 पैसे की तेज गिरावट दर्ज की गई थी।
वैश्विक बाजारों का असर और कच्चे तेल की कीमतें
डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा की मजबूती को दर्शाता है, 0.01% की गिरावट के साथ 103.57 पर कारोबार कर रहा था। ब्रेंट क्रूड वायदा बाजार में मामूली गिरावट के साथ 70.90 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर बना रहा।
शेयर बाजार में हल्की बढ़त
घरेलू शेयर बाजार में भी सकारात्मक रुख देखने को मिला। बीएसई सेंसेक्स 23.47 अंकों (0.03%) की मामूली बढ़त के साथ 74,053.23 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 16.95 अंकों (0.08%) की बढ़त के साथ 22,487.45 पर कारोबार कर रहा था। बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 1,627.61 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी।
मजबूत आर्थिक आंकड़ों से बाजार को सपोर्ट
सरकार द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई फरवरी में घटकर 3.61% पर आ गई, जो पिछले सात महीनों का सबसे निचला स्तर है। सब्जियों, अंडों और अन्य प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण महंगाई घटी, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती करने की गुंजाइश मिल सकती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में जनवरी 2025 में 5% की वृद्धि दर्ज की गई, जो मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार की वजह से हुआ।
वैश्विक व्यापार युद्ध और बढ़ते शुल्क का असर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25% शुल्क बढ़ाने का ऐलान कर अपने सहयोगी देशों को चुनौती दे दी है। ट्रंप ने अन्य देशों पर “अमेरिकी संपत्ति चुराने” का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है। इसके जवाब में कनाडा ने अमेरिकी कपड़ा उत्पादों, वॉटर हीटर, बीफ और बोरबॉन जैसी चीजों पर कड़े टैक्स लगा दिए हैं। कनाडा ने स्टील उत्पादों पर 25% शुल्क लगाया है और अन्य चीजों जैसे कंप्यूटर, डिस्प्ले मॉनीटर, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट और कास्ट-आयरन उत्पादों पर भी टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है। यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी बीफ, पोल्ट्री, बोरबॉन, मोटरसाइकिल, पीनट बटर और जींस पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है। इस वैश्विक तनाव का असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को घरेलू बाजार की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और लंबी अवधि की रणनीति अपनानी चाहिए।