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शिवनवरात्र 2025: उज्जैन में महाकाल का शृंगार, मलयागिरि चंदन और हल्दी से सजाए गए भगवान

उज्जैन (Shiv Navratri 2025): आज से महाकाल के ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिवनवरात्र की शुरुआत हो गई है। इस बार तिथि वृद्धि के कारण यह उत्सव 11 दिन तक मनाया जाएगा। भगवान महाकाल को इस बार हर्बल उत्पादों से दूल्हे के रूप में सजाया गया है। इसमें मलयागिरि चंदन, हल्दी से बने कुमकुम, और फूलों से बने गुलाल का विशेष रूप से उपयोग किया गया है। मंदिर समिति ने यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर उठाया है। महाकाल मंदिर की पूजा परंपरा के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पंचमी से लेकर चतुर्दशी तक शिव विवाह का उत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री के लिए मंदिर समिति ने विशेष प्रबंध किए हैं। स्थानीय विक्रेताओं से हल्दी, कुमकुम, अबीर, गुलाल, और चंदन जैसी उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री खरीदी गई है। इसके अलावा, अभिषेक के लिए खांडसारी शकर और फलों का रस भी विशेष देखरेख में तैयार किया गया है।

महाकाल के इन रूपों में होंगे दर्शन

  • 17 फरवरी: चंदन शृंगार
  • 18 फरवरी: दिव्य चंदन शृंगार
  • 19 फरवरी: शेषनाग शृंगार
  • 20 फरवरी: घटाटोप शृंगार
  • 21 फरवरी: होलकर शृंगार
  • 22 फरवरी: छबीना शृंगार
  • 23 फरवरी: मनमहेश शृंगार
  • 24 फरवरी: उमा महेश शृंगार
  • 25 फरवरी: शिवतांडव शृंगार
  • 26 फरवरी: अर्पित करेंगे सतत जलधारा
  • 27 फरवरी: सप्तधान्य शृंगार

पुजन का समय और विशेष आयोजन:

  • सुबह 8 बजे कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन होगा। इसके बाद भगवान को हल्दी लगाई जाएगी।
  • सुबह 9:30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा और रुद्रपाठ होगा।
  • दोपहर 1 बजे भगवान महाकाल की भोग आरती होगी।
  • दोपहर 3 बजे से संध्या पूजा और भगवान महाकाल का विशेष शृंगार किया जाएगा।
  • शाम 4 बजे मंदिर के सभा मंडप में ढोली बुआ द्वारा नारदीय संकीर्तन से कथा होगी।

आरती-पूजन का समय बदलने के साथ विशेष आयोजन: शिवनवरात्र के दौरान पूजा-अर्चना के विशेष अनुक्रम के कारण भोग आरती और संध्या आरती के समय में बदलाव किया जाएगा। सामान्य दिनों में भोग आरती सुबह 10:30 बजे होती है, लेकिन अब सोमवार से यह दोपहर 1 बजे होगी, और संध्या पूजा शाम 5 बजे की बजाय दोपहर 3 बजे होगी। शिवनवरात्र के दौरान मंदिर के पुजारी उपवास रखेंगे।

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