
ऊर्जा क्षमता : भारत में अक्षय ऊर्जा नई ऊर्जा क्षमता में सबसे आगे बनी हुई है। चालू वित्तीय वर्ष (FY25) में 30 गीगावॉट (GW) कुल ऊर्जा क्षमता में से सबसे बड़ा योगदान सोलर एनर्जी का रहा है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के अनुसार, इस साल कुल ऊर्जा क्षमता लगभग 470 GW तक पहुंचने की उम्मीद है। फिलहाल, नवंबर 2024 तक यह आंकड़ा 457 GW पर है। देश में सोलर एनर्जी की क्षमता इस वित्तीय वर्ष में 20-22 GW तक बढ़ने की संभावना है। इसके विपरीत, थर्मल एनर्जी की क्षमता केवल 2.5-3.5 GW तक बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, भारत अभी भी थर्मल पावर पर काफी हद तक निर्भर है, जो कुल ऊर्जा उत्पादन का 75% हिस्सा है।
हाइड्रो पावर से संचालित अक्षय ऊर्जा वर्तमान में देश के कुल ऊर्जा उत्पादन का केवल 22% हिस्सा है, लेकिन इसे 2030 के अंत तक 35-40% तक पहुंचने की उम्मीद है। ऊर्जा मांग की बात करें तो इस वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों (9M FY25) में ऊर्जा मांग में धीमी वृद्धि देखी गई। इसका मुख्य कारण आर्थिक गतिविधियों में गिरावट, विशेषकर दूसरी तिमाही के दौरान रहा। अब तक ऊर्जा मांग में 4.5% की वृद्धि हुई है, और यह वित्तीय वर्ष के अंत तक 5-5.5% तक पहुंचने की उम्मीद है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह वृद्धि 7.5% थी। हालांकि, मई महीने में ऊर्जा की पीक डिमांड 250 GW तक पहुंच गई, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 13% अधिक थी। बावजूद इसके, कोयले की आपूर्ति, जिसमें आयातित कोयला भी शामिल है, के बेहतर प्रबंधन की वजह से मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहा और पीक डिफिसिट लगभग शून्य रहा।