
जबलपुर: सड़क हादसे में ब्रेन डेड व्यक्ति की किडनी दान, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया गया जरूरतमंद तक नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक बार फिर सफलतापूर्वक अंगदान की प्रक्रिया पूरी की गई। शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार, सड़क हादसे में घायल हुए 56 वर्षीय व्यक्ति के परिवार ने उनकी दोनों किडनी दान करने का फैसला लिया।
एक किडनी जबलपुर, दूसरी इंदौर भेजी गई
- एक किडनी दमोह नाका स्थित मेट्रो अस्पताल में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित की गई।
- दूसरी किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल, इंदौर भेजी गई, जहां किसी जरूरतमंद को जीवनदान मिला।
- इसके लिए मेडिकल अस्पताल से मेट्रो अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
- दूसरी किडनी इंदौर भेजने के लिए डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया।
रातभर चला अंगदान का अभियान
इस प्रक्रिया में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना, सुपर स्पेशलिटी डायरेक्टर डॉ. अवधेश कुशवाहा, डॉ. फणींद्र सोलंकी, डॉ. तुषार धकाते, जबकि मेट्रो हॉस्पिटल से डॉ. राजेश पटेल, डॉ. विशाल बड़ेरा और समन्वयक डॉ. अभिषेक दुबे ने अहम भूमिका निभाई।
कैसे हुई अंगदान की पहल?
- भेड़ाघाट शिल्पी नगर निवासी पूरनलाल चौधरी कुछ दिन पहले सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
- सिर पर गहरी चोट लगने के कारण उन्हें नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज लाया गया।
- डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश उनका ब्रेन डेड हो गया।
- डॉक्टरों ने उनके परिवार से अंगदान की बात की, जिससे किसी और को नई जिंदगी मिल सके।
- परिवार ने सहमति दी और किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी की गई।
यह कदम न सिर्फ एक नेक कार्य है, बल्कि अंगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है, जिससे जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिल सके।