वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति पर 7 दिन में मांगे जवाब

वक्फ अधिनियम 2025 की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: आज, 17 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र सरकार को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर 70 से ज्यादा याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया है। इस दौरान, कोर्ट ने कहा है कि किसी भी नई नियुक्ति या डिनोटिफाई करने पर रोक रहेगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय या राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस आश्वासन को स्वीकार किया है कि अगली सुनवाई तक किसी भी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि केंद्र का जवाब आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति वैसी ही रहेगी, जैसी है।
अगली सुनवाई तक ‘वक्फ बाय यूजर’ में कोई बदलाव नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक ‘वक्फ बाय यूजर’ में भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वक्फ परिषद या वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई के बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और केवी विश्वनाथन शामिल हैं, इस मामले पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट केवल 5 मुख्य आपत्तियों पर करेगा सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल 5 रिट याचिकाकर्ता ही कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे आपस में तय करें कि उनकी पांच मुख्य आपत्तियां क्या हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि 100 से ज्यादा फाइलें पढ़ना संभव नहीं है, इसलिए सिर्फ 5 मुख्य आपत्तियों पर ही सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ताओं को मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनानी होगी और नोडल काउंसिल के जरिए इन आपत्तियों को तय करना होगा।