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RBI के फैसले का असर, भारत का फॉरेक्स रिजर्व 653.96 अरब डॉलर पर पहुंचा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त उछाल आया है। 7 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में यह 15.267 अरब डॉलर बढ़कर 653.966 अरब डॉलर हो गया। यह पिछले दो साल में सबसे बड़ी बढ़त है। RBI ने यह जानकारी दी है। इससे पहले वाले हफ्ते में भंडार 1.781 अरब डॉलर घटकर 638.698 अरब डॉलर रह गया था। हाल के दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही थी, जिसकी वजह रुपये की अस्थिरता को कम करने के लिए RBI द्वारा किया गया बाजार हस्तक्षेप और पुनर्मूल्यांकन था। सितंबर 2024 के अंत में यह भंडार अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 704.885 अरब डॉलर पर था।

RBI के 10 अरब डॉलर के फॉरेक्स स्वैप का असर

इस जबरदस्त बढ़त के पीछे एक बड़ा कारण 28 फरवरी को किया गया 10 अरब डॉलर का फॉरेक्स स्वैप माना जा रहा है। इस स्वैप में RBI ने रुपये के मुकाबले डॉलर खरीदा, जिससे सिस्टम में तरलता (liquidity) बढ़ाने में मदद मिली।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटकों में बढ़ोतरी

  • विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (Foreign Currency Assets – FCA), जो भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं, 13.993 अरब डॉलर बढ़कर 557.282 अरब डॉलर हो गईं।
  • डॉलर में व्यक्त किए गए विदेशी मुद्रा भंडार में अन्य मुद्राओं (यूरो, पाउंड, येन) की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है।
  • स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) 1.053 अरब डॉलर घटकर 74.325 अरब डॉलर रह गया।
  • स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) 212 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गए।
  • IMF में भारत की रिजर्व पोजीशन 69 मिलियन डॉलर घटकर 4.148 अरब डॉलर रह गई।

RBI के इस कदम से देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती मिली है, जिससे रुपये की स्थिरता बनाए रखने और बाजार की अस्थिरता को कम करने में मदद मिलेगी।

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