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MP-Maharashtra की साझेदारी से तापी नदी बनेगी सिंचाई का नया जरिया: CM मोहन यादव का जल सर्वधन मॉडल

सीएम का इंदौर दौरा: जल संरक्षण पर ज़ोरदार फ़ोकस!

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का इंदौर दौरा राज्य के जल संरक्षण प्रयासों पर केंद्रित रहा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने मध्य प्रदेश को देश में जल प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण बताया। ‘जल गंगा सर्वधन’ अभियान समेत कई योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने जल संकट से निपटने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

बड़ी सिंचाई परियोजनाएँ: पानी की कमी वाले इलाकों में राहत

‘नदी जोड़ो अभियान’, ‘केन-बेतवा परियोजना’, और ‘चंबल योजना’ जैसी बड़ी परियोजनाओं ने पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार का लक्ष्य है कि जल प्रबंधन एक व्यापक अभियान बने जिससे सभी को लाभ मिले।

महाराष्ट्र के साथ तापी नदी परियोजना: एक नई शुरुआत

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों के बीच तापी नदी पर एक बड़ी सिंचाई परियोजना पर सहमति बनी है। इससे लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर ज़मीन सिंचित होगी, जिससे दोनों राज्यों के किसानों को भरपूर फायदा होगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के बीच मज़बूत संबंधों का भी प्रतीक है।

‘तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना’: एक ऐतिहासिक कदम

तापी बेसिन मेगा रीचार्ज परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच हुए समझौते को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंड वाटर रिचार्ज परियोजनाओं में से एक है, और इसे राष्ट्रीय जल परियोजना का दर्जा दिलाने के प्रयास जारी हैं।

31.13 टीएमसी पानी: खेती की तस्वीर बदलेगी

इस मेगा रीचार्ज प्रोजेक्ट में कुल 31.13 टीएमसी पानी का उपयोग होगा, जिसमें से 11.76 टीएमसी मध्य प्रदेश और 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र को मिलेगा। इससे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर और खंडवा ज़िलों के किसानों को सीधा लाभ होगा, साथ ही महाराष्ट्र में भी लाखों हेक्टेयर ज़मीन सिंचित होगी।

प्रधानमंत्री मोदी की सराहना: एक राष्ट्रीय मॉडल

सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य की जल परियोजनाओं की सराहना की है। सरकार का लक्ष्य है कि इन प्रयासों को देशभर में एक मॉडल के रूप में अपनाया जाए।

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