₹500 नोट्स का राज़ बरकरार, लेकिन सिक्योरिटी प्रिंटिंग पर बढ़ा खर्च – जानिए RBI की रिपोर्ट में क्या है खास

2024-25: नोट छपाई पर उछाल! क्या है वजह?
पिछले साल के मुकाबले 2024-25 में बैंकनोट छापने पर 25% ज़्यादा खर्च हुआ है! रिजर्व बैंक ने इस पर 6,372.8 करोड़ रुपये खर्च किए। आइए जानते हैं इसके पीछे की असली वजह।
नोटों की बढ़ती मांग
RBI की रिपोर्ट कहती है कि नोटों की कुल कीमत में 6% और संख्या में 5.6% की बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब है कि देश में अभी भी कैश का इस्तेमाल खूब हो रहा है।
500 रुपये के नोट सबसे आगे, फिर भी थोड़ी कमी
कुल मूल्य के हिसाब से 86% हिस्सेदारी 500 रुपये के नोटों की है, जो पिछले साल से थोड़ी कम है। लेकिन, संख्या के मामले में ये 40.9% के साथ सबसे आगे हैं। 10 रुपये के नोट 16.4% के साथ दूसरे नंबर पर हैं।
छोटे नोटों का महत्व
10, 20 और 50 रुपये के नोटों का योगदान संख्या के हिसाब से 31.7% है। ये नोट रोज़मर्रा के छोटे-मोटे कामों में बहुत काम आते हैं।
2000 रुपये के नोट वापस आए
मई 2023 में 2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद, मार्च 2025 तक लगभग सभी (98.2%) नोट वापस बैंकों में आ गए।
सिक्कों की मांग में भी इजाफा
नोटों के साथ-साथ सिक्कों की मांग भी बढ़ी है। 2024-25 में सिक्कों की कीमत में 9.6% और संख्या में 3.6% की बढ़ोतरी हुई।
डिजिटल रुपये का बढ़ता चलन
डिजिटल रुपये (e-rupee) का इस्तेमाल भी तेज़ी से बढ़ रहा है। 2024-25 में इसकी कीमत में 334% की बढ़ोतरी हुई।
कुछ नोटों की छपाई बंद
RBI ने 2, 5 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी है। 50 पैसे से 20 रुपये तक के सिक्के चलन में हैं।
नकली नोटों पर नज़र
2024-25 में, बैंकों द्वारा पकड़े गए नकली नोटों में से 4.7% RBI ने खुद पकड़े। 200 और 500 रुपये के नकली नोटों में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी हुई।
नोटों की सुरक्षा में सुधार
RBI नोटों में बेहतर सुरक्षा फीचर्स जोड़ रहा है और अब सारे कच्चे माल देश में ही बनते हैं।
भारत में ही बनेगा सारा सामान
अब नोट बनाने का सारा सामान भारत में ही बनता है, जिससे देश आत्मनिर्भर बन रहा है।
आगे की योजनाएँ
RBI का ध्यान नोटों की क्वालिटी, सुरक्षा, नकदी की मांग, डिजिटल लेनदेन और नोट छापने की क्षमता को मज़बूत करने पर है।